नई दिल्लीः सरकार गरीबों के लिए बड़े ठोस कदम उठा रही है, जिसका मकसद लोगों को सहूलियत दना है। केंद्र सरकार की ओर से कुछ दिन पहले गरीबों को राहत देने के साथ एलपीजी सिलेंडर के दाम में बड़ी कटौती की थी, जिससे लोगों के चेहरे पर रौनक देखने को मिली। इतना ही नहीं पीएम उज्जवला योजना से जुड़े लोगों को एलपीजी सिलेंडर की खरीदारी पर सब्सिडी भी दी जा रही है।
इसके अलावा पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े लोगों को फ्री में खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है। अब माना जा रहा है कि अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होना है, जिससे पहले केंद्र सरकार लोगों को खुश रखने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है। चर्चा तो यहां तक है कि सरकार एलपीजी सिलेंडर के साथ मुफ्त राशन पर कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर किसी ने कुछ नहीं कहा है, लेकिन मीडिया की रिपोर्ट्स में यह बड़ा दावा किया जा रहा है।
सरकार कर सकती है यह काम
केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और रसोई पर दी जाने वाली सब्सिडी स्कीमों का मूल्यांकन करने का काम कर सकती है। इसके जरिए सरकार अपने खर्च को कंट्रोल करने की कोशिश करेगी। सरकार की मंशा है कि किसी भी अपात्र को दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ ना मिले, जिससे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी।
वैसे भी इन दोनों योजना पर सरकार का तगड़ा खर्च हगोता है। प्रति वर्ष सरकार करीब 4,00,000 रुपये का बजट बनाती है। इसके साथ ही नीति आयोग के डेवलपमेंट मॉनेटरिंग और इवैल्यूएशन ऑफिस ने दो स्कीम्स के इवैल्यूएशन के लिए एक केंद्रीय समन्वय एजेंसी के प्रपोजल मंगवाए हैं।
इसके साथ ही प्रपोजल में कहा गया है कि सरकार साल 2013 में अधिनियमित खाद्य सुरक्षा अधिनियम के जरिए दुनिया में सबसे बड़े सार्वजनिक खाद्य और पोषम सुरक्षा को लागू करने का काम किया जाता है। भारत ग्लोबर हंगर में भारती की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत है, जो हर किसी को चौंकाने वाली है।