नई दिल्ली- राजस्थान में साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होना है। जिसको लेकर सभी पार्टियों के बड़े नेता राजस्थान दौरे पर है। और अपने-अपने पार्टी के पक्ष में वोट करने की जनता से अपील कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस गहलोत सरकार के कामों के आधार पर मैदान पर उतर चुकी है और उधर बीजेपी परिवर्तन संकल्प यात्रा के जरिए कांग्रेस पार्टी की नाकामियों को जनता के बीच गिना रही है
बता दी कि लोगों के मन में एक सवाल है। सवाल यह है कि आखिरकार यहां का राजा कौन होगा। राजा मतलब की पार्टी में कौन ऐसा होगा जो की में फ्रंट पर होगा। और किसके हाथों में राजस्थान की कमान होगी? कांग्रेस में किसके सिर में ताज चढ़ेगा और बीजेपी में राजे का क्या होगा। यानी कि लोगों के मन में सवाल यह है कि बीजेपी से राजे या फिर कोई नया फेस सामने आएगा। जो लोगों को चौंका देगा। इन सारे सवालों के जवाब ढूंढने के लिए एक चौपाल लगाइ गई। जिसके जरिए लोगों से बातचीत करने का प्रयास किया गया।
राजस्थान के पत्रकारों का कहना है कि चुनाव का माहौल किस तरफ बदलता है। और किस तरफ इसकी हवा चलती है। अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है अगर हवा किसी विधायक के पक्ष में होती है। उसके आधार पर जनता का वोट पूरी तरह से बनता है। यानी कि कांग्रेस सरकार ने अनेकों जन कल्याण योजना को निकाला है। और चलाई है। जिससे जनता खुश है। शायद इसका फायदा कांग्रेस सरकार को मिलेगा।
बता दे कि कांग्रेस के राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी द्वारा चलाई गई जन कल्याण योजना पर पूरा भरोसा है उन्हें लग रहा है। कि इस बार फिर से वह फतह हासिल कर ही लेंगे। लेकिन उनके कुछ विधायकों के खिलाफ माहौल बन रहा है। और गंभीर आरोप लग रहे है। शायद कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना पत्रकारों का आगे कहना है। कि पूर्वी राजस्थान से पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट राजनीतिक मुद्दा जरूर बना हुआ है। लेकिन जनमानस के दिमाग में फिलहाल कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।
विधानसभा चुनाव जाति समीकरण को हवा दे रहा है खासकर दोनों ही पार्टियों के टिकट बंटवारे को लेकर अलग-अलग तरीके की चीज निकल कर सामने आ रही है। और दोनों ही अहम वजह बने हुए है।