नई दिल्ली- स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी को सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए यह स्थापित किए गए। अब सरकार की योजना इन जन औषधि केदो की संख्या 10000 से बढ़कर 25000 करने का अनुमान है।
भारत के स्वतंत्रता में स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए जन औषधि केंद्र को लेकर भी ऐलान किया है। पीएम मोदी ने सरकार का लक्ष्य बताते हुए कहा कि अब योजना देश भर में चांद औषधि केंद्र की संख्या 10000 से बढ़कर 25000 करने की है जेनेरिक दावों की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा करने के साथ ही लोगों की कमाई का भी अच्छा जरिया बना है।
देश की जनता को सस्ते दामों पर बीमारी के इलाज के लिए दवा मुहैया कराने में जन औषधि केंद्र की बड़ी भूमिका और बड़ी भूमिका निभा रहे है।
और इतनी जबरदस्त रिस्पांस मिला है पहले सरकार की ओर से मार्च 2024 तक देश भर में 10000 जन औषधि केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया जो समय से पहले ही लगभग पूरा हो गया। बीते दिनों संसद में अपने भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आंकड़े पेश करते हुए बताया था। कि साल 2014 में देश में महाशक्ति केंद्र लेकिन मोदी सरकार के 20 साल के कार्यकाल में जन औषधि केंद्र की संख्या बढ़कर 9884 हो गई है।
मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा अगर किसी को डायबिटीज हो जाती है तो उसे करीब ₹3000 मानसिक खर्च करना पड़ता है बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जिन दवाओं की कीमत ₹100 है 3 जन औषधि केंद्रों पर हम उन्हें महेश 10 से 15 में उपलब्ध करवा रहे हैं। पीएम ने आगे कहा कि सरकार की योजना जन औषधि केंद्रों की संख्या 10000 से बढ़ाकर 25000 करने की सभी के लिए दवाओं की जनसंख्या और रेट सब एक जैसे कराए जाने के निर्देश दिए गए है