आईपीएल 2011 में पंजाब किंग्स के लिए अपने शानदार शतक के लिए जाने जाने वाले भारतीय क्रिकेटर पॉल वाल्थाटी ने हाल ही में प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है। 39 वर्षीय बल्लेबाज ने 2011 के आईपीएल सीज़न के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 120 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी, जिसने भारतीय फैंस और क्रिकेट प्रेमियों पर एक यादगार छाप छोड़ी थी।
पॉल वाल्थाटी ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान मौके देने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने करियर के दौरान चैलेंजर ट्रॉफी, इंडिया ब्लू, इंडिया अंडर-19 और मुंबई सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व किया। वल्थाटी ने इन टीमों का हिस्सा बनने पर सौभाग्य और गर्व की भावना व्यक्त की और न केवल उन्हें बल्कि उनके जैसे कई अन्य क्रिकेटरों को दिए गए प्रोत्साहन की सराहना की। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देने के लिए राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स को भी धन्यवाद दिया।
आईपीएल 2011 सीज़न के दौरान, वाल्थाटी ने 14 मैचों में 463 रन बनाकर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल था। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उनके शतक ने उन्हें आईपीएल में यह उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय और मुंबई के पहले खिलाड़ी बना दिया। हालाँकि, उस सीज़न में अपने दमदार प्रदर्शन के बावजूद, उन्होंने बाद के आईपीएल सीजन इतनी सफलता नहीं मिली और आईपीएल 2014 में, उन्हें किसी भी टीम द्वारा नहीं लिया गया।
वाल्थाटी के क्रिकेट करियर की शुरुआत चुनौतीपूर्ण रही क्योंकि उन्हें मुंबई टीम में जगह पाने के लिए 2006 तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने 2002 में अंडर-19 विश्व कप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां पार्थिव पटेल और इरफ़ान पठान जैसे खिलाड़ी उनके साथी थे। दुर्भाग्य से, टूर्नामेंट में बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान आंख की चोट के कारण वह काफी समय तक मैदान से दूर रहे।
अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के दौरान, पॉल वाल्थाटी ने पाँच मैचों में 120 रन बनाये। संन्यास की घोषणा के बावजूद, आईपीएल 2011 में उनका शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक यादगार मूवमेंट बना हुआ है, और फैंस पंजाब किंग्स के लिए उनकी इस शतकीय पारी को हमेशा याद रखेंगे।