नई दिल्ली Minimum Pension in NPS: देश में पुरानी पेंशन स्कीम बनाम नेशनल पेंशन स्कीम की राजनिति के बीच में अधिकरियों ने राहत भरी खबर दी है। सरकार के अधिकारियों ने इस हफ्ते कहा कि वह नेशनल पेंशन स्कीम यनि कि NPS में बदलाव को लेकर सोच रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ये बदलाव कर्मचरियों को उनकी आखरी सैलरी की 40 फीसदी से 45 फीसदी मिनिमम पेंशन मिलना तय करेंगे। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने ये स्पष्ट रुप से कह दिया है कि सरकार पुरानी पेंशन स्कीम की ओर बिलकुल भी नहीं लौटेंगे।
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देश के कई राज्यों में OPS लागू
OPS को लेकर छिड़ी बहस के बीच में काफी सारे राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम की ओर रूख किया है। इसके साथ में काफी सारी नितियों में बदलाव भी किया है। कई ऐसे बीजेपी शासित रजय हैं जो कि एनपीएस को लेकर बेचैनी बयां कर रहे हैं। राजनितिक दलों के द्वारा चुनावों में पेंशन के मुद्दे का उपयोग करने के बाद सरकरा ने NPS की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन भी किया था। ये समीक्षा काफी जरुरी राज्यों के चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा के बीच में देखने को मिली है।
NPS में मिलेगी 40 फीसदी से 45 फीसदी पेंशन
नेशनल पेंशन स्कीम में बदलाव और मिनिमम 40 से 45 फीसदी पेंशन को तय करके सरकार राजनिति और अर्थव्यवस्था के बीच में संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। सरकारी कर्मचरियों की पेंशन केंद्रीय बजट का काफी बड़ा हिस्सा है।
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ओपीएस बनाम एनपीएस
जानकरी के लिए बता दें ओपीएस में सरकार कर्मचारी की आखिरी वेतन की 50 फीसदी पेंशन की गारंटी देता है। इसके लिए कर्मचारी को अपनी जॉब के समय कोई भी कंट्रीब्यूशन नहीं देना होता है। वहीं एनपीएस स्कीम में कर्मचारी को अपने बेसिक वेतन में कंट्रीब्यूशन देना होता है। इसमें सरकार 14 फीसदी योगदान करती है। NPS में पेंशन कॉपर्स के रिटर्न पर डिपेंड करता है।