भारतीय शेयर बाजारों में हाल ही में विदेशी निवेशकों द्वारा बिक्री का रुख देखा गया है। जनवरी 2023 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 28,000 करोड़ रुपये
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में लगातार वृद्धि के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भी भारतीय बाजारों से पूंजी निकालना शुरू कर दिया है।
इस तरह की गतिविधि वैश्विक निवेशकों के भारतीय शेयर बाजारों के प्रति नकारात्मक रुख की चेतावनी देती है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है
महंगाई के उच्च स्तर और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने भी भारतीय शेयरों को प्रभावित किया है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं ने भी भारतीय कंपनियों
वैश्विक महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कारणों से अर्थव्यवस्थाओं में अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे भारत सहित कई देशों में निवेशक जोखिम से बचने लगे हैं।
इन कारकों के चलते भारतीय शेयर बाजारों पर भारी दबाव पड़ा है। बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगभग 5% गिरावट के साथ इस साल की शुरुआत कर रहे हैं।
वित्तीय विशेषज्ञ इस स्थिति का गहन विश्लेषण कर रहे हैं। उनका मानना है कि मध्यम से लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव से बाजारों को राहत मिलेगी।