मुख्य द्वार की दिशा क्यों है सबसे महत्वपूर्ण
वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। 2025 के अनुसार, घर का मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में होना सबसे शुभ माना जा रहा है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और नकारात्मकता बाहर रहती है। मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा और रोशनी से युक्त होना चाहिए। इस दिशा में कोई टूटी-फूटी चीज़ नहीं होनी चाहिए।
रसोईघर की सही जगह तय करती है सेहत
रसोईघर यानी किचन घर का वह हिस्सा है जहां परिवार की सेहत बनती है। वास्तु के अनुसार अग्नि तत्व का स्थान दक्षिण-पूर्व होता है, इसलिए रसोई भी इसी दिशा में होनी चाहिए। गैस स्टोव इस दिशा में रखकर खाना पकाना शुभ होता है। साथ ही, पीने का पानी उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
बेडरूम और पूजा घर की दिशा क्या होनी चाहिए
वास्तु मानता है कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में मास्टर बेडरूम होना स्थायित्व और निर्णय क्षमता को मजबूत करता है। वहीं, पूजा घर उत्तर-पूर्व में होना चाहिए, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार बेहतर होता है। बच्चों का कमरा उत्तर या पूर्व दिशा में होना उन्हें पढ़ाई में मन लगाने और रचनात्मकता बढ़ाने में मदद करता है।
घर के रंग और सजावट का क्या है वास्तु कनेक्शन
2025 में घर के रंगों को लेकर वास्तु विशेषज्ञ हल्के और शांत रंगों को प्राथमिकता देने की सलाह दे रहे हैं। जैसे कि हल्का नीला, क्रीम, सफेद या हल्का हरा रंग सकारात्मकता बढ़ाते हैं। फर्नीचर को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना अच्छा माना जाता है। घर की सजावट में भारी सामान उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से बचना चाहिए।
वास्तु के अनुसार कौन से पौधे और वस्तुएं लाएं घर में
घर के उत्तर-पूर्व कोने में तुलसी का पौधा रखना शुभ माना जाता है। इसके अलावा बांस का पौधा, मनी प्लांट और एलोवेरा जैसे पौधे भी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। विंड चाइम्स को मुख्य द्वार के पास लगाने से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती। घर में दर्पण उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ रहता है।




