नई दिल्लीः ईरान के राष्ट्रपित इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर दुर्घना में मौत हो गई, जिसके बाद देशभर में मातम पसर गया। विदेशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम बड़ी हस्तियां ने हेलिकॉप्टर क्रैश में जान जाने पर दुख जताया। हादसा इतना भयंकर था कि हेलिकॉप्टर की खोजबीन करने के लिए भी तुर्की से मदद मांगनी पड़ी। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान सरकार ने तुर्की से सहायता करने की अपील की।
हादसे की वजह खराब मौसम बताई गई। राष्ट्रपति के साथ काफिले में तीन हेलिकॉप्टर थे, जिसमें दो सुरक्षित लौट आए थे। तुर्की ने ईरान का खोज करने वाला प्रस्ताव तो स्वीकार कर लिया, लेकिन रात में यह काम करना काफी मुश्किल था। इसलिए तुर्की ने अपना शानदार अकिंसी ड्रोन उड़ाया।
जानिए पूरा मामला
19 मई ईरान के इतिहास में हमेशा काले दिवस के रूप में याद की जाएगी, क्योंकि उसने अपने सबसे चहेते राष्ट्रपति को हेलिकॉप्टर हादसे में खो दिया। अचान शाम के वक्त हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया। हादसे में जब राष्ट्रपित और विदेश मंत्री की मौत की आशंका जताई गई तो विदेश मंत्रालय ने तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने रात में ड्रोन और हेलिकॉप्टर से खोजबीन करने की सहायता की।
तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने तत्काल स्ट्रैटेजिक क्लास बेरक्तार अकिंसी ड्रोन को एक हेलिकॉप्टर के साथ उड़ान का प्रस्ताव ईरान के लिए भेज दिया। इतना ही नहीं रात करीब सवा बजे इरान के अधिकारियों तुर्की का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। अपनी इमरजेंसी टीम को हर तरह के रेस्क्यू और रीकॉन्सेंस मिशन के लिए तैयार रहने की अपील की। रात कीरब साढ़े दस बजे तुर्की के अंकिंसी ड्रोन ने ईरान की सीमा पर उस समय यह ड्रोन हवा में हथियारों से लैस भी था।
तुर्की ने 11 बजे हथियार बंद ड्रोन वापस बुलाया
रात करीब 11 बजे ईरान से तुर्की ने सीमा पार कर रहे हथियारबंद अकिंसी ड्रोन को वापस बुलाने का काम कियाी। ईरान ने हथियारबंद ड्रोन को अपनी सीमा से प्रवेश करने से मना कर दिया। इसके बाद सवा ग्यारह बजे तुर्की ने एक सामान्य अकिंसी ड्रोन को आसमान में उड़ाया। इस ड्रोन में किसी तरह के हथियार नहीं लगे थे।
अकिंसी ए 5 ड्रोन ने बैटमैन बेस से अपनी उड़ान भरी। करीब सवा 12 बजे ड्रोन ने वान इलाका पार किया। पौने एक बाज अकिंसी ए 5 ड्रोन लक्ष्य एरिया के ऊपर रहा। यह विमान करीब करीब 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़कर खोज कर रहा था। रात करीब दो बजे ड्रोन को 9000 फीट की ऊंचाई पर लाना पड़ा।
इसकी वजह कि खराब मौसम के चलते तस्वीर साफ नहीं आ पा रही थी। इतनी ऊंचाई पर आने के बाद ड्रोन को हेलिकॉप्टर क्रैश साइट पर हीट डिटेक्ट किया। क्रैश होने के बाद हेलिकॉप्टर की आग को सेंस किया। करीब 2.37 मिनट पर तुर्की ड्रोन ने ईरानी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लोकेशन और डेटा शेयर कर दिया।
खराब मौसम के चलते 4.30 बजे ईरान की सर्च एंड रेस्क्यू टीम टारगेट एरिया में पहुंच गई। सुबह करीब पौने पांच बजे ईरानी रेस्क्यू टीम को हेलिकॉप्टर का मलबा पड़ा हुआ दिखाई दिया। 5.50 बजे ईरानी अधिकारियों ने तुर्की के रक्षा मंत्रालय का आभार जताया।