नई दिल्ली- भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को मांझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा भी वक्त था। जब यह दोनों नेता केंद्र में पहली बार मंत्री बनने के लिए नया कुर्ता पजामा पहन कर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर चक्कर लगाया करते थे।
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ तमाम विपक्षी दल को एकजुट करने का जिम्मा इस बार बिहार के दो बड़े नेताओं ने ले रखा है। पहले का नाम नीतीश कुमार और दूसरा लालू प्रसाद यादव है। इसी के तहत 23 जून को पटना में 17 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। जिसमें 15 दलों ने एकजुट होकर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ लड़ने की शुरुआत का ऐलान कर दिया था
यह पहला मौका नहीं है जब लालू यादव और नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट किया है इससे पहले साल 1988 में भी लालू और नीतीश की जोड़ी ने तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के विरोध में विपक्षी को एकजुट कर दिया था जिसके बाद कांग्रेस की सत्ता चली गई थी। हालांकि इस दौरान लालू नीतीश के पहली बार केंद्रीय मंत्री बनने का सपना जरूर टूट गया था।
बीते दिनों पटना के ज्ञान भवन में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने नीतीश कुमार के सार्वजनिक जीवन पर लिखी गई किताब नीतीश कुमार अंतरंग दोस्तों की नजर से का विवेचना किया। किताब में विमोचन के मौके पर लालू यादव ने नीतीश कुमार के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा को याद करते हुए बीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे नए कपड़े सिलवा लेने के बाद वह नितेश कुमार पहली बार केंद्रीय मंत्री नहीं बन पाए थे।
लालू यादव ने अपनी बायोग्राफी गोपालगंज के रायसीना में भी उस वाक्य का जिक्र किया है। जब केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री बनने के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार नया कुर्ता पजामा पहन कर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर घूमा करते थे।
दरअसल 1988 में देश में कांग्रेस विरोधी राजनीति ने मुखर रूप ले लिया जिसमें लालू यादव ने अहम भूमिका निभाई थी। विश्वनाथ प्रताप सिंह यानी एबीपी सिंह ने राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। जिसमें उन्हें हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल का साथ मिला फिर लालू यादव ने कुछ दलों को कांग्रेस के खिलाफ एकजुट कर जनता दल बनाया था।