नई दिल्ली: आईपीएल 2024 की नीलामी में 23.75 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम में बिके कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के उप-कप्तान वेंकटेश अय्यर ने इस बात को स्वीकार किया कि बड़ी रकम मिलने से खिलाड़ियों पर दबाव जरूर बढ़ता है। लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि इसका मतलब यह नहीं कि हर मैच में उनसे बड़ा स्कोर बनाने की उम्मीद की जाए।

पैसे से नहीं, प्रदर्शन से फर्क पड़ता है

वेंकटेश अय्यर ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 29 गेंदों में 60 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर केकेआर को 80 रनों की शानदार जीत दिलाई। हालांकि, इससे पहले के दो मैचों में उनका प्रदर्शन साधारण रहा था और वे केवल 9 रन ही बना सके थे।

मैच के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान वेंकटेश ने कहा, “मैं झूठ नहीं बोलूंगा, मोटी रकम मिलने से थोड़ा दबाव जरूर आता है। लोग इस बारे में बहुत चर्चा करते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मुझे हर मैच में रन बनाने होंगे।”

टीम के लिए योगदान अहम

उन्होंने आगे कहा, “यह इस बात पर निर्भर करता है कि मैं अपनी टीम के लिए क्या योगदान दे सकता हूं। यह मायने नहीं रखता कि मुझे कितने पैसे मिले हैं, बल्कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि मैं टीम को जीत दिलाने में कैसे मदद कर सकता हूं।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या केकेआर में सबसे महंगे खिलाड़ी होने का दबाव अब कम हो गया है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए पलटकर सवाल दाग दिया, “आप ही बताइए, क्या फर्क पड़ता है? मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि आपको 20 लाख मिलें या 20 करोड़, अंत में आप टीम के एक खिलाड़ी ही होते हैं, जिसका काम जीत में योगदान देना होता है।”

रणनीतिक आक्रामकता जरूरी

केकेआर के बल्लेबाज शुरुआती दो मैचों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे, लेकिन टीम ने जल्द ही वापसी की। इस पर वेंकटेश ने कहा, “आक्रामकता का मतलब सिर्फ हर गेंद पर छक्का मारना नहीं होता। असली आक्रामकता सकारात्मक सोच और सही इरादों से आती है। हमें रणनीति के तहत आक्रामकता दिखानी होती है, तभी हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।”

वेंकटेश अय्यर की यह सोच दिखाती है कि किसी भी खिलाड़ी के लिए पैसों से ज्यादा महत्वपूर्ण उसका खेल और टीम के प्रति समर्पण होता है। आईपीएल जैसी बड़ी लीग में खिलाड़ियों पर प्रदर्शन का दबाव तो होता ही है, लेकिन सही मानसिकता और टीम के प्रति ईमानदारी से खेलना ही असली क्रिकेट की पहचान है।