Saving Account: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद एचडीएफसी बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती की है। अब बैंक 50 लाख रुपये तक के बैलेंस पर 2.75% और 50 लाख रुपये से अधिक के बैलेंस पर 3.25% ब्याज देगा, जो पहले क्रमश: 3% और 3.5% था।
फंड की लागत को कम करना और मार्जिन को बनाए रखना एचडीएफसी बैंक के इस फैसले के पीछे मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले 14 सालों में बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। बैंक के पास फिलहाल 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बचत बैलेंस है और ब्याज में कटौती से उसे सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है।
बदलता ट्रेंड: बचत से लेनदेन की ओर बैंकिंग सेक्टर में यह एक बड़ा ट्रेंड बनता जा रहा है कि लोग अब बचत के लिए नहीं बल्कि मुख्य रूप से लेनदेन के लिए बचत खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकांश उपभोक्ता अब बचत के लिए सावधि जमा (एफडी) की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि वे बेहतर ब्याज दरें प्रदान करते हैं। इससे बैंकों की कम लागत वाली जमा (सीएएसए) में गिरावट आ रही है।
अन्य बैंकों ने भी की कटौती
एचडीएफसी बैंक के अलावा, कई अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने भी ब्याज दरों में कटौती की है।
एचडीएफसी बैंक ने 1 अप्रैल से चुनिंदा एफडी पर ब्याज दरों में 35-40 आधार अंकों की कटौती की है।
यस बैंक ने एफडी दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है।
बंधन बैंक ने बचत खातों पर ब्याज को 6% से घटाकर 3%-5% के बीच कर दिया है।
बजाज फाइनेंस ने भी लंबी अवधि की एफडी पर ब्याज कम कर दिया है।
बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी विशेष 400-दिवसीय एफडी योजना को बंद कर दिया है, जिस पर वह 7.3% ब्याज दे रहा था।










