नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की धरती पर एक बार फिर आतंक (Terror) का कहर देखने को मिला है। पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के टीआरएफ यानी ‘द रेसिस्टेंट्स फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले का मास्टरमाइंड कौन है, इसका भी खुलासा हो गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है। उसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है।

हाफिज सईद का करीबी भी माना जाता

कसूरी को भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद का करीबी भी माना जाता है। भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में उसका नाम सामने आ चुका है। उसे लग्जरी कारों का शौक है और वह हमेशा अत्याधुनिक हथियारों से लैस लोगों के साथ घूमता है। कसूरी का पाकिस्तान में कितना दबदबा है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना के अफसर उसकी सेवा में हमेशा तैयार रहते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि वह अक्सर पाकिस्तानी सेना के जवानों को भड़काता रहता है। पहलगाम में आतंकी हमले से करीब दो महीने पहले सैफुल्ला खालिद पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर पहुंचा था। यहां पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन तैनात है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार शाम सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने पहुंचे।

गोलियां चलानी शुरू कर दीं

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने गृह मंत्री को ताजा हालात की जानकारी दी। इसके बाद शाह ने सेना, सीआरपीएफ और पुलिस समेत सुरक्षा अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पहलगाम शहर से करीब छह किलोमीटर दूर बैसरन में घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है और यह पर्यटकों और ट्रेकर्स की पसंदीदा जगह है। मीडिया की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे और पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।

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