Income Tax: क्या आप किराए पर रहते हैं और टैक्स छूट लेते हैं? तो सावधान हो जाइए! अगर आपका किराया 50,000 रुपये से ज़्यादा है और आपने टीडीएस नहीं भरा है, तो आपके घर आयकर विभाग का नोटिस पहुंच सकता है। यह नियम आम आदमी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि उसे जागरूक करने के लिए है। सरकार कहती है कि किराए से टैक्स काटकर जमा करना आपकी ज़िम्मेदारी है, नहीं तो आपको पेनाल्टी और ब्याज देना पड़ेगा। यह छोटी-सी सावधानी आपको बड़ी परेशानी से बचा सकती है।

आजकल किराए पर रहना आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप हर महीने 50,000 रुपये से ज़्यादा किराया दे रहे हैं, तो आपको टैक्स की ज़िम्मेदारी भी निभानी होगी? अगर आप टैक्स रिटर्न में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की छूट लेते हैं, लेकिन टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) नहीं काटते हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस कर सकता है। और उसके बाद कितनी बड़ी मुसीबत हो सकती है, आप जानते हैं।

टीडीएस क्या है और यह कब लागू होता है?

आयकर अधिनियम की धारा 194-आई कहती है कि अगर आप किसी भारतीय मकान मालिक को हर महीने 50,000 रुपये से ज़्यादा किराया देते हैं, तो आपको किराए से 2 प्रतिशत टैक्स काटना होगा. पहले यह दर 5 प्रतिशत थी. पिछले साल अक्टूबर से इसे घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया. दिलचस्प बात यह है कि अगर साल में सिर्फ़ एक महीने का किराया भी 50,000 रुपये से ज़्यादा हो जाता है, तो भी टीडीएस लागू होता है. टीडीएस का मतलब है कि आप किराए से टैक्स काटकर सरकार को जमा करें, ताकि टैक्स चोरी न हो सके.

मकान मालिक का पैन ज़रूरी, नहीं तो परेशानी!

टैक्स काटते समय मकान मालिक का पैन नंबर होना बहुत ज़रूरी है. इसे टीडीएस चालान में लिखना होता है. अगर पैन नंबर गलत है या एक्टिव नहीं है, तो धारा 206AA के तहत टैक्स की दर 2 प्रतिशत की जगह सीधे 20 प्रतिशत हो जाती है. और अगर मकान मालिक एनआरआई (अनिवासी भारतीय) है, तो टैक्स की दर 30 प्रतिशत है. ऐसे में बेहतर है कि कोई गलती न करें।

कब जमा करें टीडीएस?

अब सवाल यह है कि यह टैक्स कब जमा करें? अगर आप साल के बीच में घर छोड़ते हैं तो महीने के आखिर के 7 दिनों के अंदर टीडीएस जमा करना होता है। लेकिन अगर आप पूरे साल किराए पर रहते हैं तो यह काम वित्तीय वर्ष खत्म होने (31 मार्च) के 30 दिनों के अंदर करना होता है। मतलब समय का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है।

टीडीएस जमा करने के लिए आपको फॉर्म 26QC भरना होगा, जो इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह एक सरल फॉर्म है, जिसमें किराए और टैक्स का ब्योरा दर्ज करना होता है। इसके बाद आपको फॉर्म 16C मकान मालिक को देना होता है, जो टीडीएस जमा करने के 15 दिनों के अंदर जरूरी होता है। यह फॉर्म मकान मालिक को बताता है कि आपने उनके लिए टैक्स काटकर जमा कर दिया है।

नियम तोड़ने पर जुर्माना

अगर आप टीडीएस नहीं काटते हैं तो आपको हर महीने 1 प्रतिशत ब्याज देना होगा। मान लीजिए आपने टैक्स काट लिया, लेकिन उसे जमा करने में देरी की तो हर महीने 1.5 प्रतिशत ब्याज लगेगा। इतना ही नहीं, फॉर्म 26QC को देरी से जमा करने पर 200 रुपये प्रतिदिन (धारा 234E) का जुर्माना भी लग सकता है।