Income Tax: आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 के अनुसार, अगर आपकी आय भारत में कर के दायरे में आती है तो आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना ज़रूरी है। वैसे तो आईटीआर दाखिल करना मुश्किल नहीं है, लेकिन कई बार लोग इसे समय पर दाखिल नहीं कर पाते या दाखिल करते समय कुछ छोटी-मोटी गलतियाँ कर देते हैं। इसकी वजह से रिफंड रुक जाता है और कई बार आयकर विभाग से नोटिस भी आ जाता है। ऐसे में लोगों को समझ नहीं आता कि क्या करें और क्या कदम उठाएँ।

तो आज ‘अपने अधिकार जानें’ कॉलम में हम बात करेंगे कि अगर आयकर रिटर्न दाखिल न करने पर कोई कानूनी नोटिस आए तो क्या करें? साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि-

आयकर विभाग कब नोटिस भेज सकता है?

नोटिस मिलने पर आपको क्या करना चाहिए?

आयर रिटर्न दाखिल न करने पर क्या दंड भुगतना पड़ सकता है?

भारत में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 के अनुसार, जिनकी आय कर योग्य सीमा से अधिक है, उन्हें ITR दाखिल करना अनिवार्य है। लेकिन कई लोग जानबूझकर या गलती से ITR दाखिल नहीं करते हैं, जिसके कारण उन्हें भारी जुर्माना, ब्याज, नोटिस और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसे नीचे दिए गए ग्राफ़िक से समझें-

समय पर ITR दाखिल न करने पर कौन-कौन से नोटिस मिल सकते हैं और उनका क्या मतलब है?

अगर आप समय पर ITR दाखिल नहीं करते हैं, तो आयकर विभाग विभिन्न धाराओं के तहत नोटिस भेज सकता है। इन नोटिस का उद्देश्य आपको ITR दाखिल करने के लिए याद दिलाना, जांच करना या संभावित जुर्माना लगाना हो सकता है।

देर से ITR दाखिल करने पर कितना जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है?

अगर आप 31 जुलाई तक ITR दाखिल करने की डेडलाइन चूक जाते हैं, तो आपको देरी से रिटर्न दाखिल करने का मौका मिलता है, लेकिन इसके साथ जुर्माना भी लगाया जाता है। धारा 234F के तहत अगर आपकी आय 5 लाख रुपये तक है, तो 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज़्यादा है, तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

भविष्य में आयकर नोटिस से बचने के लिए क्या करें?

अगर आप आयकर नोटिस से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी होंगी और सही वित्तीय आदतें अपनानी होंगी। यहाँ कुछ आसान और महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जो आपको नोटिस से बचने में मदद करेंगे।