Bijli Bill: ऐसे में यदि 24.72 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बिल बनता है तो प्रति उपभोक्ता 412 रुपए अतिरिक्त बिल आने की स्थिति बनेगी। जबकि कुल राशि 43.44 करोड़ रुपए होगी। बिजली कंपनी की रिपोर्ट में यह स्थिति सामने आई है। गर्मी से बचने के लिए अतिरिक्त उपकरण चलाने से बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर बिजली बिल का बोझ बढ़ेगा। बिजली कंपनी के इस अनुमान को गलत साबित करना है तो अभी से बिजली बचाने के उपाय कर लें।
मार्च 2025 के 31 दिनों में शहरी उपभोक्ताओं ने 21.66 करोड़ यूनिट बिजली की खपत की थी। 31 दिनों की औसत खपत 69.87 लाख यूनिट प्रतिदिन रही। इससे 173 करोड़ रुपए का बिल बना।
अप्रैल में अब तक औसतन 80.62 लाख यूनिट बिजली की खपत रोजाना हो रही है। औसत 80 लाख यूनिट खपत के आधार पर कुल खपत 24 करोड़ यूनिट होगी। इससे 192 करोड़ रुपये का बिजली बिल बनेगा। यह मार्च की तुलना में करीब 19 करोड़ रुपये ज्यादा होगा।
बिजली की नई दर में 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी। इससे 24 करोड़ यूनिट की खपत में 6 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बिल जुड़ जाएगा। नई दरों से बिजली बिल में 100 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी।
मार्च 2025 में बिजली बिल 173 करोड़ रुपये था
उपभोक्ता को 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ी हुई बिजली दर चुकानी होगी
प्रति उपभोक्ता बिजली बिल 412 रुपये अधिक आएगा।
यह रिपोर्ट साफ तौर पर यह संकेत दे रही है कि अगर उपभोक्ताओं ने गर्मी से बचने के लिए ज्यादा बिजली खर्च की, तो उनका बिल भी उसी अनुपात में बढ़ेगा। 24.72 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बिल का मतलब है कि औसतन हर उपभोक्ता पर 412 रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अगर ये ट्रेंड जारी रहा, तो कुल राशि 43.44 करोड़ तक पहुंच सकती है। शहरी उपभोक्ताओं ने 21.66 करोड़ यूनिट बिजली की खपत की थी। 31 दिनों की औसत खपत 69.87 लाख यूनिट प्रतिदिन रही। इससे 173 करोड़ रुपए का बिल बना।
आपके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार:
कुल बिजली खपत (मार्च 2025): 21.66 करोड़ यूनिट
औसत प्रतिदिन खपत: 69.87 लाख यूनिट
कुल बिल राशि: 173 करोड़ रुपए
हम इस डेटा से कुछ और चीज़ें निकाल सकते हैं, जैसे:
1. प्रति यूनिट औसत दर (Average rate per unit)
कुल बिल राशि / कुल खपत =
173 करोड़ रुपए / 21.66 करोड़ यूनिट
= ₹7.99 प्रति यूनिट (लगभग ₹8)
2. औसत प्रतिदिन बिल राशि
कुल बिल राशि / 31 दिन =
173 करोड़ / 31 =
लगभग ₹5.58 करोड़ प्रति दिन
