DA Hike Update: केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन या पेंशन में महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को शामिल करने की कोई योजना नहीं है। यह जानकारी राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई।
कुछ कर्मचारी संगठन मूल वेतन में 50% डीए जोड़ने की मांग कर रहे थे, लेकिन छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार सरकार ने इसे स्वीकार करने का फैसला किया था। वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सरकार हर 6 महीने में डीए
सरकार हर 6 महीने में डीए/डीआर की दरों में संशोधन करती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) से 36 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सरकार ने 8वें सीपीसी के गठन का फैसला किया है।
इसकी रिपोर्ट सरकार को कब सौंपी
इसकी रिपोर्ट सरकार को कब सौंपी जाएगी, समय आने पर इस पर फैसला किया जाएगा। कर्मचारी संगठनों ने उठाई थी मांग- कर्मचारी संगठन डीए को मूल वेतन में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि डीए 50% से अधिक हो गया है।
इस मुद्दे पर नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के साथ बैठक की। बैठक में एनसी-जेसीएम ने डीओपीटी सचिव रचना शाह से कहा कि डीए की दर बढ़ गई है, इसलिए इसे मूल वेतन में जोड़ना उचित है।
सरकार ने फिलहाल इस मांग
लेकिन, सरकार ने फिलहाल इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए/डीआर इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई का असर उनके वेतन/पेंशन पर न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर 6 महीने में डीए/डीआर की दरों में बदलाव करती है।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि डीए को मूल वेतन में मिलाना जरूरी है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। महंगाई लगातार बढ़ रही है। ऐसे में डीए को मूल वेतन में मिलाना कर्मचारियों के हित में होगा।
सरकार का क्या है आभास?
सरकार का कहना है कि डीए को मूल वेतन में शामिल करने से आर्थिक बोझ बढ़ेगा, इसलिए फिलहाल इस प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है। हालांकि सरकार कर्मचारी हितों को महत्व देती है और समय-समय पर डीए की दरों में बदलाव करती रहती है, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके। यह प्रक्रिया लगातार जारी है।










