Business idea: आजकल युवा खेती में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। बीड जिले के चिंचला गांव के 27 वर्षीय जुनैद सैयद ने खेती के लिए पानी की कमी के कारण पारंपरिक खेती के साथ ही दूसरा विकल्प तलाशने का फैसला किया। उन्होंने कुछ अलग करने की सोची और पूरी तरह से खेती पर निर्भर रहने के बजाय पूरक व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इस दौरान उनके एक दोस्त ने उन्हें पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी और जुनैद ने इसे गंभीरता से लिया और इसे शुरू करने की तैयारी की।
शुरू में उन्होंने पोल्ट्री व्यवसाय के बारे में गहराई से जानकारी ली। उन्होंने बाजार, पक्षियों की देखभाल, उनके लिए जरूरी सुविधाओं और मुख्य रूप से बिक्री का बारीकी से अध्ययन किया। शुरुआत में मुश्किलें आईं क्योंकि गांव में बहुत कम लोग इस तरह का व्यवसाय कर रहे थे, लेकिन उनका दृढ़ निश्चय था, इसलिए उन्होंने हिम्मत जुटाई और एक साल पहले यह व्यवसाय शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने छोटे पैमाने पर पक्षियों का पालन-पोषण किया, लेकिन व्यवसाय में कुछ स्थिरता आने के बाद पक्षियों की संख्या बढ़ा दी।
हर 45 दिन में एक नया बैच तैयार करते हैं
आज जुनैद सैयद के पास करीब 6000 मुर्गियां हैं। वह हर 45 दिन में एक नया बैच तैयार करते हैं और उसे थोक में बेचते हैं। उन्होंने व्यवस्थित तरीके से इस व्यवसाय चक्र को बनाया है। पक्षियों के खान-पान पर विशेष ध्यान देने, साफ-सफाई और समय पर टीकाकरण का उचित समन्वय रखकर वे व्यवसाय में गुणवत्ता बनाए रखते हैं। इससे व्यापारियों के बीच पक्षियों की अच्छी मांग है और बिक्री भी समय पर होती है।
कम से कम 11 लाख रुपये सालाना शुद्ध लाभ होता ह
जुनैद ने बताया कि आपको बता दें कि पोल्ट्री व्यवसाय से फिलहाल उन्हें कम से कम 11 लाख रुपये सालाना शुद्ध लाभ होता है। खर्च, देखभाल, मजदूरी और अन्य चीजों को निकालने के बाद यह लाभ काफी संतोषजनक है। खास बात यह है कि इस व्यवसाय को करते हुए उन्होंने कोई बड़ा निवेश नहीं किया, बल्कि धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए सफलता हासिल की है। आज गांव के कई युवा उनसे मार्गदर्शन लेने आते हैं। जहां खेती में सीमाएं हैं, वहां पूरक व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
