UPS Update: रिटायरमेंट के बाद आरामदायक जिंदगी, सपनों का घर और बच्चों की पढ़ाई लगभग हर कर्मचारी का सपना होता है। कर्मचारियों के इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की शुरुआत की है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है।

इस योजना में कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान होता है। इस योजना का मकसद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत दोनों के योगदान से रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलती है।

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम?

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत आने वाली यूपीएस एक ऐसी पेंशन स्कीम है जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित मासिक आय देने का वादा करती है। यह एक फंड आधारित स्कीम है। इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों नियमित रूप से योगदान करते हैं और इस फंड को निवेश किया जाता है। इस तरह रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को यह पैसा मिलेगा, जिससे वह स्थिर जीवन जी सकेगा।

उदाहरण के लिए, अगर कोई कर्मचारी 25 साल तक काम करता है और उसका आखिरी औसत मूल वेतन 30,000 रुपये प्रति महीना है, तो इस योजना के तहत उसे रिटायरमेंट के बाद हर महीने 50 फीसदी यानी करीब 15,000 रुपये पेंशन मिल सकती है।

इतना ही नहीं, अगर किसी कारण से कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को 60 फीसदी यानी करीब 9,000 रुपये हर महीने पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, इस योजना के तहत कम से कम 10 साल तक काम करने वाले कर्मचारियों को भी हर महीने न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन की गारंटी दी जाती है।

रिटायरमेंट पर मिलेगी एकमुश्त रकम

यूपीएस के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त रकम भी दी जाएगी। यह रकम कर्मचारी के मूल वेतन, महंगाई भत्ते (डीए) और नौकरी की अवधि के आधार पर तय होती है।

उदाहरण के लिए, अगर रिटायरमेंट के समय किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपये और डीए 15,900 रुपये है। इस तरह अगर कर्मचारी की कुल सैलरी 45,900 रुपये है और उसने 25 साल नौकरी की है तो उसे (45,900 ÷ 10) × 50 = 4,590 × 50 = 2,29,500 रुपये एकमुश्त मिलेंगे। गौर करने वाली बात यह है कि अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से कम नौकरी की है तो उसे यह लाभ नहीं मिलेगा।

कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ उन केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा जो एनपीएस के तहत हैं और यूपीएस का विकल्प चुनते हैं। इसके लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी करनी होगी। इसके अलावा अगर कर्मचारी 25 साल की सर्विस के बाद अपनी मर्जी से रिटायर होता है तो उसे उस तारीख से पेंशन मिलेगी जब वह सामान्य रिटायरमेंट आयु पर पहुंचेगा। अगर कोई कर्मचारी एफआर 56 (जे) के तहत रिटायर होता है तो उसे रिटायरमेंट की तारीख से पेंशन मिलेगी।

किस कर्मचारी को इसका लाभ नहीं मिलेगा?

हालांकि, अगर किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया जाता है, बर्खास्त कर दिया जाता है या वह खुद ही इस्तीफा दे देता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, 10 साल से कम समय तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।