Personal Loan: अगर आप भी पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपको पर्सनल लोन लेने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. तो आज हम आपके लिए यह पोस्ट लेकर आए हैं और आपके पर्सनल लोन की पूरी डिटेल देने वाले हैं, कि आप कितने समय के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं और कितने रुपए का पर्सनल लोन ले सकते हैं। और कैसे ले सकते हैं और कहां पर ले सकते हैं, तो चलिए हम आपको नीचे इस पोस्ट के अंदर पूरी जानकारी बताने वाले हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं…
Personal loan लेते समय यह तय करना कि कितने समय के लिए लेना चाहिए और EMI कम कराने के लिए क्या करें — यह आपकी ज़रूरत, आमदनी और भविष्य की योजना पर निर्भर करता है।
1. Loan Tenure कितना होना चाहिए?
Short Tenure (1-3 साल):
EMI ज़्यादा होगी लेकिन interest कम देना पड़ेगा।
जल्दी लोन खत्म हो जाएगा।
तभी सही जब आपकी monthly income strong हो।
Long Tenure (4-7 साल):
EMI कम होगी लेकिन कुल ब्याज ज़्यादा देना पड़ेगा।
कैश फ्लो manageable रहेगा।
तभी लें जब EMI ज़्यादा भरना मुश्किल हो।
2. EMI कम कराने के लिए क्या करें — Tenure बढ़ाएं या नहीं?
Suggestion:
अगर आपकी income stable है तो कम tenure का लोन लें और EMI manageable रखें।
अगर cash flow tight है तो EMI कम रखें लेकिन prepayment plan ज़रूर बनाएं।
EMI कम करने के लिए सिर्फ tenure न बढ़ाएं, बल्कि interest rate कम करने की कोशिश करें या part-payment करें।
1. लोन लेने से पहले ध्यान देने योग्य बातें:
a. ज़रूरत वाजिब है या नहीं:
Personal loan महंगा होता है क्योंकि इसका ब्याज दर ज़्यादा होता है (10%–24% तक)। इसे सिर्फ emergency या जरूरी खर्चों (medical, education, debt consolidation आदि) के लिए लें, शौक या non-essential खर्चों के लिए नहीं।
b. Credit Score:
आपका CIBIL score अगर 750+ है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। खराब score पर ब्याज ज़्यादा लगेगा।
c. Comparison:
अलग-अलग बैंकों या NBFCs के लोन ऑफर compare करें interest rate, processing fee, prepayment charges, आदि को ध्यान में रखें।
2. EMI कम कराने के स्मार्ट तरीके:
a. सैलरी बढ़ी? Prepayment करें:
अगर आपकी सैलरी बढ़ गई है या कोई bonus मिला है, तो part-payment या lump-sum prepayment करें। इससे tenure और interest दोनों घटेंगे।
b. Balance Transfer:
अगर किसी और बैंक में कम interest rate मिल रही है, तो लोन transfer कर लें। ध्यान दें कि इसमें processing fees और बाकी charges ना हों या कम हों।
c. Loan insurance से सावधान:
कई बार bank आपको लोन के साथ बीमा थमा देते हैं, जिससे EMI और बढ़ जाती है। देखें कि क्या वह ज़रूरी है या opt-out कर सकते हैं।










