Atal Pension Yojana: केंद्र सरकार की कमाल की योजना! हर महीने मिलेगी 5000 रुपये पेंशन, जानें क्या पूरी स्कीम

Atal Pension Yojana: नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें निवेश करके भविष्य को […]

Atal Pension Yojana

Atal Pension Yojana: नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें निवेश करके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। अटल पेंशन भी ऐसी ही एक योजना है। इसके तहत आप छोटा सा निवेश करके 5000 रुपये तक की मासिक पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। इस योजना से जुड़े कुल शेयरधारकों की संख्या 7 करोड़ को पार कर गई है। आइए जानते हैं डिटेल।

योजना के बारे में

मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए शुरू की गई अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहक को 60 साल की उम्र से उसके योगदान के आधार पर 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति महीने की गारंटीड पेंशन मिलती है। ग्राहक की मृत्यु के बाद यह पेंशन उसके जीवनसाथी को दी जाती है और जीवनसाथी की मृत्यु होने पर 60 साल की उम्र तक जमा की गई पेंशन राशि नॉमिनी को वापस कर दी जाती है।

इस योजना में न्यूनतम निवेश 42 रुपये

इस योजना में न्यूनतम निवेश 42 रुपये प्रति महीने है। अगर 18 साल की उम्र में इस निवेश की शुरुआत की जाए तो 60 साल की उम्र में 1000 रुपये पेंशन मिलेगी। अधिकतम निवेश 1,454 रुपये प्रति माह है। इसके तहत 40 साल की उम्र में निवेश शुरू होता है और 5,000 रुपये मासिक पेंशन की व्यवस्था होती है। ऑटो-डेबिट की बात करें तो बैंक खाते से ऑटो-डेबिट के जरिए अंशदान किया जाता है।

पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़े

पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़े पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना अटल पेंशन योजना से 1.17 करोड़ अंशधारक जुड़े। इसके साथ ही इस योजना से जुड़े कुल अंशधारकों की संख्या 7.60 करोड़ को पार कर गई है।

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार पिछले तीन वित्त वर्षों से हर साल एक करोड़ से अधिक अंशधारक अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से जुड़े हैं। योजना के तहत प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 44,780 करोड़ रुपये से अधिक हो गई हैं। अब तक इस पर औसत वार्षिक रिटर्न 9.11 प्रतिशत रहा है।

PFRDA के अनुसार, 2024-25 में जोड़े गए नए शेयरधारकों में से 55 प्रतिशत महिलाएँ थीं। इससे पता चलता है कि महिलाओं में वित्तीय जागरूकता और पुरुष-महिला स्तर पर संतुलन बढ़ रहा है।

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