नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की घोषणा की थी। वहीं इस आयोग का मुख्य काम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में संशोधन की सिफारिश करना है। हालांकि इस बार सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आयोग CGHS में बदलाव की सिफारिश करेगा या फिर नहीं ?

क्या है CGHS?

सीजीएचएस फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराता है। हालांकि, इस योजना की कई समस्याएं सामने आई हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सीजीएचएस का नेटवर्क पूरे देश में नहीं फैला है। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। पिछले दो वेतन आयोगों (6वें और 7वें) ने भी सीजीएचएस में बदलाव की सिफारिश की थी। 6वें वेतन आयोग ने वैकल्पिक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का सुझाव दिया था। वहीं, 7वें वेतन आयोग ने साफ तौर पर कहा था कि स्वास्थ्य बीमा एक दीर्घकालिक समाधान हो सकता है।

सीजीएचएस वालों को मिलेगा लाभ

जनवरी 2025 में खबर आई थी कि स्वास्थ्य मंत्रालय सीजीएचएस की जगह ‘केंद्र सरकार कर्मचारी एवं पेंशनभोगी स्वास्थ्य बीमा योजना’ (सीजीईपीएचआईएस) ला सकता है। इस योजना को आईआरडीएआई पंजीकृत बीमा कंपनियों के जरिए लागू किया जा सकता है। आठवें वेतन आयोग के सामने बड़ा सवाल यह होगा कि क्या वह इस दिशा में कोई ठोस सिफारिश करता है। अगर नई योजना लागू होती है तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। खास तौर पर उन लोगों को फायदा होगा जो छोटे शहरों में रहते हैं और फिलहाल सीजीएचएस का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

आठवें वेतन आयोग पर सबकी निगाहें

विशेषज्ञों का मानना है कि बीमा आधारित योजना से कैशलेस इलाज की प्रक्रिया आसान होगी और इस नेटवर्क में और अस्पताल जुड़ेंगे। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अब सबकी निगाहें आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो अगले कुछ महीनों में आ सकती है।

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