नई दिल्ली Post Office Scheme: आज के समय ज्यादातर लोग म्युचुअल फंड या फिर शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं। बहराल अभी भी गांव क्षेत्र में काफी सारे लोग पोस्ट ऑफिस की स्कीम में निवेश करते हैं। इसका कारण ये है कि पोस्ट ऑफिस स्कीम में किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं होता है।
इसके साथ में पोस्ट ऑफिस की निवेश स्कीम में रिटर्न भी काफी अच्छा मिलता है। इसका कारण हैं कि म्यूचुअल फंड और शेयर जैसे निवेश ऑप्शन के बावजूद आम लोग पोस्ट ऑफिस या फिर घर की स्कीमों पर ही सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं आज हम आपको बताते हैं कि कैसे पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश करने पर लखपति बन सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम
बता दें पीपीएफ स्कीम मेंं 7.10 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। पीपीएफ में आप एक साल में कम से कम 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं मैक्जिमम निवेश करने की सीमा नहीं है। लेकिन आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मैक्जिमम 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी।
मैच्योरिटी पर ब्याज पर पूरी तरह से टैक्स फ्री है। इस स्कीम की मैच्योरटी 15 सालों का है और इसके बाद 5 सालों के ब्लॉक में इसको बढ़ाया जा सकता है। इस स्कीम के तहत एक शख्स सिर्फ एक खाता ओपन करा सकता है।
तीन महीने में अपडेट हो जाती है ब्याज की दरें
वहीं वित्त मंत्रालय हर तीन महीने पर ब्याज रिवीजन करता है। वहीं फाइनेंशियल के आखिर में ब्याज इनकम आपके खाते में ट्रांसफर हो जाती है। इस दर के हिसाब से यदि आप हर रोज 100 रुपये का निवेश करते हैं तो 15 सालों के बाद मैच्योर होगा तो आपको एकमुश्त 976370 रुपये प्राप्त होंगे, जो कि पूरी तरह से टैक्स फ्री होंगे। 15 सालों के समय आपकी कुल जमा रकम 5 लाख 40 हजार रुपये होगी। इस प्रकार आप आसानी से लखपति बन सकेंगे।
मिल जाता है लोन
वहीं आपको पीपीएफ पर लोन का लाभ भी मिलता है। आप जिस फाइनंशियल ईयर में निवेश की शुरुआत करते हैं आपको अगले साल लोन की सुविधा प्राप्त होती है। 5 सालों की अवधि तक ये सुविधा रहती है। आपके खाते में जितना जमा किया गया है उसका 25 फीसदी तक का लोन प्राप्त हो सकता है।
एक फाइनेंशियल ईयर में सिर्फ एक बार ही लोन उठा सकते हैं। दूसरा लोन तब तक नहीं प्राप्त होगा, जब तक कि पहला लोन न चुका दिया हो। वहीं तीन सालों के भीतर लोन अदा करने पर 1 फीसदी सालाना ब्याज देना होगा।
समय से पहले पैसा निकालने का नियम
वहीं निकासी की बात करें तो 5 सालों के लॉक इन पीरियड के बाद एक फाइनेंशियल ईयर में एक बार निकासी की जा सकती है। ये आपके खाते में जमा रकम का 50 फीसदी तक हो सकता है। प्रीमैच्योर क्लोजर की बात करें तो यदि खाताधारक बीमा हो जाता है या फिर खुद या बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए इसकी परमीशन है। इसके लिए कुछ चार्जेस काटा जाता है।