Eid-ul-Adha 2023: बकरीद, जिसे ईद-उल-अज़हा या ईद-ए-कुर्बान भी कहा जाता है, इस्लामिक धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार ईसाई कैलेंडर के हिसाब से जून और जुलाई के बीच मनाया जाता है। बकरीद का मुख्य उद्देश्य बलिदान करना है, जिसमें एक जीव की बलि दी जाती हैं और उसे सभी को खाने के रूप में वितरित किया जाता हैं। यह त्योहार प्रेम, सहानुभूति, त्याग, और दया के महत्वपूर्ण संकेत के रूप में माना जाता है। बकरीद ईस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने जिलहिज्ज के दसवें दिन को मनाने की परंपरा है। इस साल बकरीद 29 जून 2023 को मनायी जाएगी। इस्लाम में बकरीद एक महत्वपूर्ण त्योहार है जहां मुसलमान समुदाय के लोग अल्लाह के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए मनाते हैं और बकरे का बलिदान करते हैं।
क्यों मनाई जाती है बकरीद:
इस्लाम धर्म में हज़रत इब्राहीम को मान्यता के अनुसार खुदा की ओर से एक महान इम्तिहान दिया गया था, जिसमें उन्हें अपने प्यारे बेटे इसमाईल की कुर्बानी देने को कहा गया था। इब्राहिम ने अपने पूरे आत्मसमर्पण और विश्वास के साथ इस आदेश का पालन किया और उन्होंने इसमाईल को कुर्बानी के लिए तैयार कर दिया। तथापि, जब वे बेटे को कुर्बानी के लिए ले जा रहे थे, तो खुदा ने एक बकरे की कुर्बानी करने को व्यक्त किया, जिससे उन्होंने अपने बेटे की जगह पर कुर्बानी की। इससे खुदा ने इब्राहीम की इम्तिहान में सफलता की परीक्षा ली और उनकी निष्ठा और आत्मसमर्पण को देखा।
क्या होता है बकरीद पर ख़ास :
ईद-उल-अजहा (बकरीद) ईस्लामिक कैलेंडर के सबसे आखिरी महीने, जिलहिज्ज के दसवें दिन मनाई जाती है। यह पर्व बलिदान का प्रतीक माना जाता है, जिसमें बकरे की कुर्बानी की जाती है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के प्रति अपना सामर्थ्य, नेकी, और समर्पण दर्शाते है. वहीं, ईद-उल-फितर भी इस्लामिक कैलेंडर में मनायी जाने वाली एक महत्वपूर्ण ईद है, जो ईद के बाद के दिनों में आती है। इस दिन सेवई की खीर बनाई जाती है और मुस्लिम समुदाय के लोग रमज़ान महीने के बाद का उत्सव मनाते हैं। यह ईद रमज़ान के रोज़े के आखिरी दिन को मनाई जाती है और आजादी के रोज़े की ख़ुशी मनाने का एहसास दिलाती है।
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