जुलाई के आते ही टैक्सपेयर्स अपना ITR फाइल करना शुरू कर देते हैं। वहीं जिन लोगों ने पहले ही रिटर्न फाइल कर चुके हैं उन्हें रिफंड का इंतजार है। हालांकि कभी-कभी रिफंड मिलने में देरी हो जाती है। पर रिफंड मिलने में देरी होने पर सरकार उसपर ब्याज देती है। हालांकि इस ब्याज पर भी टैक्स लगता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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अगर टैक्सपेयर्स ने तय तारीख से पहले ITR फाइल कर दिया है और टैक्स विभाग को पैसा लौटाने में समय लग गया है तो इस रिफंड पर 0.5 फीसदी महीने के हिसाब से दिया जाता है। आप ऐसे समझ सकते हैं। अगर आपका रिफंड 1000 रुपये है तो 0.5 फीसदी हर महीना के हिसाब टैक्स पेयर्स को 5 रुपये मिलेगा। जब तक रिफंड नहीं मिलता तब तक यह ब्याज दिया जाता है।
हालांकि इस ब्याज पर टैक्स देना होता है। इस ब्याज को Income from Other Sources के अंतर्गत टैक्सेबल इनकम में जोड़ दिया जाता है। अब मान लीजिए आपको 1000 रुपये ब्याज मिला है तो इसपर भी टैक्स लगेगा।
वैसे रिफंड को लेकर कुछ नियम भी हैं। जैसे कि रिफंड की रकम कुल टैक्स का 10 फीसदी से कम है या 100 रुपये से कम है तो इसपर कोई ब्याज नहीं लगेगा।
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रिफंड आने में कितने दिन लगते हैं?
अगर टैक्सपेयर्स ने ITR को सही तरीके से फाइल किया है और इसके बाद ई-वेरिफाई किया है तो 4 से 5 हफ्तों के अंदर रिफंड बैंक के खाते में। वैसे कभी-कभी यह जल्दी भी सकता है।










