Akshaya Tritiya 2025: वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाए जाने वाले अक्षय तृतीया पर्व का महत्व बहुत खास है। इस साल 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को हैं।। ये दिन इतना खास क्यों होता है? क्योंकि कहते हैं इस दिन आप जो भी शुभ काम या दान-पुण्य करते हैं, उसका फल कभी खत्म नहीं होता, वो ‘अक्षय’ रहता है। इसीलिए इस दिन दान का बहुत महत्व माना जाता है, खासकर सोने के दान का। कुछ जगहों पर तो लोग अपने वज़न के बराबर सोने या अनाज का ‘तुला दान’ भी करते हैं।

लेकिन आजकल सोने के भाव आसमान छू रहे हैं, लगभग 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम। ऐसे में हर किसी के लिए सोने का दान करना आसान नहीं है। तो क्या इसका मतलब ये है कि हम अक्षय तृतीया पर स्वर्ण दान का पुण्य नहीं कमा सकते? बिल्कुल कमा सकते हैं! हमारे शास्त्रों में ऐसी दो चीज़ों का ज़िक्र है जिनका दान करने से सोने के दान जितना ही फल मिलता है, और खास बात ये है कि ये आप सिर्फ 10 रुपये या अपनी श्रद्धा अनुसार कितने भी रुपये में दान कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।

1. गेहूं को मिली है ‘कनक’ की उपाधि

सबसे पहले बात करते हैं ‘गेहूं’ की। हमारे शास्त्रों में गेहूं को ‘कनक’ यानी सोना ही कहा गया है। इसीलिए गेहूं का दान करना सीधे-सीधे स्वर्ण दान के बराबर माना जाता है। वैसे भी वैशाख के महीने में अनाज का दान बहुत पुण्य देता है, और जब बात अक्षय तृतीया की हो, तो गेहूं का दान करने से आपको सोने के दान जितना ही पुण्य मिलता है, ये पक्का समझिए। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर जी की विशेष कृपा बनी रहती है। जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि आती है।

2. जौ को भी माना गया है स्वर्ण के बराबर

दूसरी चीज़ है ‘जौ’। जी हाँ, जौ को भी हमारे धर्म ग्रंथों में सोने के समान ही बताया गया है। क्योंकि सोना आज बहुत महंगा हो गया है और शायद हर किसी के बस की बात नहीं, ऐसे में अक्षय तृतीया पर जौ का दान करना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे आपको वही फल मिलता है जो स्वर्ण दान से मिलता। कहते हैं जौ का दान करने से घर में धन-दौलत बढ़ती है। एक और खास बात, जौ भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। जब आप जौ का दान करते हैं, तो विष्णु जी प्रसन्न होते हैं, और जहाँ विष्णु जी की कृपा हो, वहाँ माँ लक्ष्मी भी ज़रूर आती हैं।

अक्षय तृतीया पर और किन चीज़ों का दान शुभ?

गेहूं और जौ के दान को तो स्वर्ण दान के बराबर माना ही गया है। वहीं अक्षय तृतीया के दिन और भी कई चीज़ों का दान करना बहुत शुभ फलदायी माना गया है। आप अपनी क्षमता और श्रद्धा अनुसार इन चीज़ों का दान कर सकते हैं:

  • गौदान (गाय का दान)
  • भूमि दान (ज़मीन का दान)
  • तिल
  • घी
  • कपड़े
  • गुड़
  • चांदी
  • नमक
  • फल
  • पानी से भरा मटका (घड़ा)
  • शहद
  • और कन्यादान (ये एक बड़ा दान है, जो प्रतीकात्मक या वास्तविक हो सकता है)।

इन सभी दानों से भी पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना क्यों है शुभ?

अब दान की बात हो गई, तो थोड़ी खरीदारी की भी बात कर लेते हैं। जहाँ शास्त्रों में सोने का दान सबसे ऊपर माना गया है, वहीं आजकल अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना भी एक शुभ परंपरा बन गई है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना भी अक्षय होता है, यानी उसमें वृद्धि होती रहती है। इसलिए लोग इस दिन सोना खरीदते हैं, नया काम शुरू करते हैं, ताकि जीवन में धन-समृद्धि लगातार बढ़ती रहे। सोने को माँ लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है, इसलिए इसे घर लाना शुभता और सकारात्मकता लाता है।

अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना है अशुभ?

जहाँ अक्षय तृतीया पर शुभ चीज़ें खरीदने का चलन है, वहीं कुछ ऐसी चीज़ें भी हैं जिन्हें इस दिन खरीदना अच्छा नहीं माना जाता। भूलकर भी इस दिन नुकीली चीज़ें (जैसे चाकू, कैंची), एल्युमीनियम या स्टील के बर्तन, काले रंग की कोई भी चीज़, काले कपड़े, और कांटेदार पौधे न खरीदें।

सोना नहीं खरीद पा रहे तो ये खरीदें!

अगर आप सोना नहीं खरीद पा रहे हैं, तो परेशान न हों। आप तुलसी का पौधा, पीली सरसों, श्रीयंत्र, रूई, जौ, सेंधा नमक जैसी चीज़ें भी खरीद सकते हैं, ये भी बहुत शुभ मानी जाती हैं। आजकल तो डिजिटल गोल्ड (जैसे गोल्ड ईटीएफ) खरीदने का भी विकल्प है। इनके अलावा घर, गाड़ी, पीतल के बर्तन और धार्मिक किताबें खरीदना भी अक्षय तृतीया पर शुभ माना जाता है।

तो इस अक्षय तृतीया, आपने अपनी श्रद्धा और क्षमता अनुसार दान-पुण्य और खरीदारी की होगी और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाया होगा!