Tax Free Investments: हर साल टैक्स बचाने के लिए सही निवेश करना नौकरीपेशा और दूसरे टैक्सपेयर्स के लिए अहम पहलू बन जाता है। अगर आप अपने पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं और टैक्स भी बचाना चाहते हैं (टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट), तो सही निवेश विकल्पों का चुनाव करना बेहद जरूरी है। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर टैक्स लगता है। हालांकि, कई ऐसे इनकम और निवेश विकल्प हैं, जहां टैक्स से बचा जा सकता है।
किस आय पर टैक्स नहीं लगता?
कुछ आय स्रोत पूरी तरह से टैक्स फ्री हैं। इनमें खेती से होने वाली आय भी शामिल है, जिस पर पूरी तरह से इनकम टैक्स नहीं लगता। अगर आप किसी फर्म में पार्टनर हैं, तो प्रॉफिट शेयरिंग से होने वाली आय पर भी टैक्स नहीं लगता, क्योंकि कंपनी पहले ही इस पर टैक्स चुका चुकी होती है। साथ ही, कुछ निवेशों से होने वाली आय भी टैक्स फ्री होती है।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति सेवा (VRS)
सरकारी कर्मचारी जो वास्तविक तिथि से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं, उन्हें 5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स से छूट मिलती है। यह छूट केवल सरकारी कर्मचारियों को ही मिलती है।
एचयूएफ से प्राप्त राशि
आयकर अधिनियम की धारा 10(2) के तहत हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) से प्राप्त राशि पूरी तरह कर मुक्त है। यह छूट पारिवारिक विरासत के रूप में प्राप्त धन पर भी लागू होती है।
माता-पिता से प्राप्त संपत्ति
यदि आपको अपने माता-पिता से संपत्ति, आभूषण या नकद प्राप्त होता है, तो यह कर योग्य नहीं है। हालांकि, यदि आप इस राशि का निवेश करते हैं और इससे आय प्राप्त करते हैं, तो उस आय पर कर लगेगा।
उपहारों पर कर छूट
विवाह या किसी विशेष अवसर पर प्राप्त उपहार भी कर योग्य हैं। आयकर नियमों के अनुसार, यदि ये उपहार 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के नहीं हैं, तो वे कर योग्य नहीं हैं। विशेष रिश्तेदारों से या वसीयत के तहत प्राप्त उपहारों पर भी छूट लागू होती है।
एनआरई बचत और एफडी खातों पर ब्याज
भारत में एनआरआई के गैर-निवासी बाहरी (एनआरई) बचत और सावधि जमा खातों पर ब्याज कर मुक्त है। यह सुविधा विशेष रूप से उन्हें दी जाती है
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ग्रेच्युटी पर कर छूट महत्वपूर्ण है। सरकारी कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर छूट मिलती है, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये है।
पीपीएफ और ईपीएफ निवेश
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश किया गया पैसा, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी की रकम सभी पूरी तरह से टैक्स-फ्री हैं। इसी तरह, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में पांच साल तक निवेश करने के बाद की गई निकासी भी टैक्स-फ्री है।










