Haryana News: हरियाणा में फर्जी तरीके से गरीब बने परिवारों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। इन परिवारों की वजह से राज्य सरकार (Haryana Govt) के खजाने पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था, लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए सख्त रवैये की वजह से गरीब लाभार्थी परिवारों की संख्या में बहुत जल्द कमी आने वाली है।
मामला दर्ज होगा
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने साफ कर दिया है कि फर्जी तरीके से बीपीएल कार्ड बनवाने वाले लाभार्थियों को अपना नाम बीपीएल सूची से हटवाना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फर्जी गरीब बनकर बैठे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
करोड़ों रुपये होते हैं खर्च
हरियाणा में अंत्योदय अन्न योजना (AAY) और बीपीएल परिवारों के कुल राशन कार्डों की संख्या 51,72,270 है। इन परिवारों को राशन के तौर पर गेहूं, बाजरा, चीनी और सरसों का तेल मुहैया कराने पर हर महीने करीब 241 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बीपीएल परिवार के एक सदस्य को 2 किलो आटा और 3 किलो बाजरा/खाद्यान्न मिलता है। इसके अलावा 1 किलो चीनी और 2 लीटर सरसों का तेल मिलता है।
बीपीएल सूची के लिए पात्रता
बीपीएल राशन कार्ड सूची में शामिल होने के लिए आवेदक को हरियाणा का मूल निवासी और स्थायी निवासी होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय सभी आय स्रोतों के साथ 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। परिवार की आईडी में वार्षिक आय का सत्यापन होना चाहिए। आवेदक के पास हरियाणा में स्थायी निवास का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
इस स्थिति में राशन कार्ड रद्द हो जाएगा
यदि बीपीएल परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कोई चार पहिया वाहन पंजीकृत है या बिजली का बिल सालाना 20 हजार रुपये से अधिक है, तो आय अधिक होने पर भी कम दिखाई जाती है। यदि राशन कार्ड में कोई गलत जानकारी दर्ज पाई जाती है, तो ऐसी स्थिति में बीपीएल कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।
मोबाइल पर मिल रहे हैं मैसेज
प्रदेश में निशुल्क राशन पाने वाले लाखों लाभार्थियों की सुविधा के लिए अब डिपो पर राशन पहुंचने के संबंध में उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस पहुंचने शुरू हो गए हैं। इस मैसेज में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा लाभार्थियों को दी जाने वाली राशन सामग्री की जानकारी होती है।










