हाल ही में पाकिस्तान में एक बड़ी आतंकी घटना सामने आई थी. यहां 11 मार्च को बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने क्वेटा से पेशावर जा रही जफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था. इस दौरान ट्रेन में मौजूद सभी यात्रियों को भी बंधक बना लिया गया. ट्रेन में सेना के कई जवान भी सवार थे. ट्रेन हाईजैक के दो दिन बाद पाकिस्तानी सरकार ने हाईजैकिंग में शामिल सभी 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया और यह भी कहा कि सभी बंधकों को भी छुड़ा लिया गया है. बहरहाल, इस आतंकी घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
रेलवे की कड़ी सुरक्षा
भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। रेलवे में सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे सुरक्षा बल (आरआरएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की है। इन दोनों बलों को अलग-अलग उद्देश्यों के लिए तैनात किया गया है। एआरएफ रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। यात्रा के दौरान भी ट्रेनों में आरआरएफ के जवान तैनात रहते हैं, ताकि किसी भी घटना को रोका जा सके. वहीं, जीआरपी रेलवे के अधिकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों को रोकने का काम करती है. ये दोनों सेनाएं काफी हाईटेक हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित हैं।
रेलवे के पास ख़ुफ़िया विभाग
भारत ने आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए एक उन्नत खुफिया तंत्र तैयार किया है, जिससे देश में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर रखी जा सकेगी। इसके लिए LIU, IB, RAW जैसे खुफिया विभाग हैं. ये विभाग समय-समय पर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट जारी करते हैं और आतंकी गतिविधियों के बारे में इनपुट देते हैं। इसमें रेलवे सुरक्षा भी शामिल है. कई बार सुरक्षा एजेंसियां मॉक ड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लेती हैं.
भारत में एनएसजी तैनात
अगर भारत में ट्रेन हाईजैक जैसी कोई घटना होती भी है तो एनएसजी उससे निपटने में माहिर है. भारत के एनएसजी कमांडो को दुनिया के सबसे प्रशिक्षित कमांडो में से एक माना जाता है। इन कमांडो को आतंकवादी घटनाओं और अपहरण जैसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मुंबई में ताज हमले के दौरान एनएसजी ने मोर्चा संभाला था. इन सबके बावजूद भारत में ऐसी घटना होना बहुत मुश्किल है.










