लखनऊ: कानपुर के सीतामऊ से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) के लिए लंबे समय बाद राहत भरी खबर आई है। सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को एक और मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी आधार कार्ड पर यात्रा करने के मामले में उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। इस मामले में इरफान सोलंकी के खिलाफ कानपुर के ग्वालटोली थाने में 2022 में केस दर्ज किया गया था। हालांकि फर्जी आधार कार्ड पर यात्रा करने के मामले में जमानत मिलने के बाद भी इरफान सोलंकी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।

जमानत मिलनी बाकी है

अब इरफान सोलंकी को गैंगस्टर के एक और मामले में जमानत मिलनी बाकी है। इस मामले में इरफान सोलंकी पिछले दो साल से जेल में बंद हैं। इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी पर अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम ने अपना पक्ष रखा है। वहीं हाईकोर्ट में जस्टिस अजय भनोट की सिंगल बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया है। सोमवार यानी 10 मार्च को इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को हाईकोर्ट से एक मामले में जमानत मिल गई। तब जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने रंगदारी मांगने के आरोप में दोनों भाइयों की जमानत याचिका मंजूर कर ली थी।

सपा के टिकट पर जीत हासिल की

गैंगस्टर मामले में जमानत मिलने के बाद ही इरफान सोलंकी जेल से बाहर आ सकेंगे। यानी पूर्व विधायक इरफान सोलंकी अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे। किसी दूसरे मामले में कोर्ट से जमानत मिलने पर ही वह बाहर आ सकेंगे। आपको बता दें कि इरफान सोलंकी पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से जीते थे। हालांकि सात साल की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी और फिर उस सीट पर उपचुनाव हुआ था। इस उपचुनाव में इरफान सोलंकी की पत्नी ने सपा के टिकट पर जीत हासिल की थी।

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