मुंबई: नागपुर (Nagpur) के गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दंगाइयों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में घटना के मास्टरमाइंड का खुलासा हुआ है। एफआईआर के अनुसार, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान की अध्यक्षता में 50 से 60 लोगों ने अवैध रूप से पुलिस स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा की। दरअसल, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने गांधी गेट के पास छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ नारे लगाकर विरोध जताया और औरंगजेब का प्रतीकात्मक पुतला जलाया।
लोगों को इकट्ठा किया
इसके खिलाफ फहीम शमीम की अध्यक्षता में लोगों की भीड़ जमा हो गई। इन लोगों के लिखित अनुरोध पर औरंगजेब का विरोध करने वाले 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर नंबर 114/25, धारा 223 आईपीसी, धारा 37 (1), 37 (3) 135 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस दौरान भीड़ में मौजूद लोगों को शांति बनाए रखने की हिदायत भी दी गई। इसके बावजूद इन लोगों ने शाम करीब 4 बजे छत्रपति शिवाजी प्रतिमा के पास दंगा भड़काने की नीयत से अपने धर्म के 400 से 500 लोगों को इकट्ठा किया।
उन्हें स्पीकर पर बार-बार घोषणा करके बताया गया कि उक्त भीड़ अवैध है और वे यहां एकत्र न हों तथा सुरक्षित अपने घर चले जाएं। इस भीड़ ने क्षेत्र में आतंक फैलाने की नीयत से कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठी व अन्य खतरनाक हथियार हवा में लहराए। साथ ही लोगों में भय पैदा किया तथा धार्मिक वैमनस्य बढ़ाने की नीयत से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया।
सुरक्षा खतरे में पड़ गई
भीड़ के सदस्यों ने जान से मारने की नीयत से भालदारपुरा चौक क्षेत्र में पुलिस पर घातक हथियारों, पत्थरों से हमला किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनके आधिकारिक कर्तव्यों से विमुख करने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए तथा उन पर फेंके। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को यह कहते हुए रोका कि, “आपने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की है।” ऐसी झूठी अफवाह फैलाकर और अश्लील गालियां देकर, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को जगह-जगह हथकड़ी, पत्थर, खतरनाक हथियारों से पीटा गया और घायल किया गया, जिससे उनकी और दूसरों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
अंधेरे का फायदा उठाकर उनमें से कुछ ने आरसीपी दस्ते की एक महिला कांस्टेबल की वर्दी और शरीर को अश्लील हरकत करने के इरादे से छुआ। इससे उसकी नारीत्व पर शर्मिंदगी हुई। उन्होंने अन्य महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न भी किया। कुछ महिला कर्मचारियों को देखकर उन्होंने अश्लील इशारे किए और भद्दी टिप्पणियां कीं।
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