सत्तू क्या है और कैसे बनता है
सत्तू मुख्य रूप से चने को भूनकर पीसने से बनाया जाता है। इसमें कभी-कभी जौ, गेहूं या मक्का भी मिलाया जाता है। यह एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जो खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बहुत प्रचलित है। सत्तू पाउडर को पानी में घोलकर उसमें नींबू, नमक, भुना जीरा और कभी-कभी प्याज मिलाकर स्वादिष्ट ड्रिंक तैयार किया जाता है।
पाचन शक्ति के लिए लाभकारी
सत्तू पचाने में बहुत हल्का होता है और यह पेट को ठंडक पहुंचाता है। जिन लोगों को गैस, एसिडिटी या पेट फूलने जैसी दिक्कतें होती हैं, उनके लिए सत्तू किसी औषधि से कम नहीं। यह डाइजेशन को ठीक रखता है और भूख भी बेहतर करता है। फास्ट फूड की जगह अगर रोजाना सत्तू पिया जाए तो पेट की समस्याएं दूर रहती हैं।
एनर्जी और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत
सत्तू में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। जो लोग भारी काम करते हैं या जिम जाते हैं, उनके लिए यह एक नेचुरल प्रोटीन सप्लीमेंट की तरह है। सुबह खाली पेट एक गिलास सत्तू पीने से दिनभर ऊर्जा बनी रहती है और कमजोरी महसूस नहीं होती। इसमें फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे तत्व भी होते हैं जो शरीर को मजबूत बनाते हैं।
वजन घटाने और डायबिटीज में फायदेमंद
सत्तू शरीर को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती। इससे वजन कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा यह ब्लड शुगर लेवल को भी संतुलित करता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज भी इसे अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। इसमें कोई मिलावट नहीं होती और यह पूरी तरह प्राकृतिक होता है।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
सत्तू शरीर को अंदर से साफ करता है, जिससे स्किन पर निखार आता है। यह डिटॉक्स ड्रिंक की तरह काम करता है। बालों को भी मजबूती देता है क्योंकि इसमें आयरन और प्रोटीन होता है। सत्तू पीने से गर्मी के मौसम में पसीने से होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स भी नहीं होतीं।