नई दिल्ली: तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार (Mohammad Yunus Government) पाकिस्तानी सरकार के करीब आ रही है। सीधा व्यापार शुरू हो गया है, पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई अपने अधिकारों के साथ भारतीय सीमा के पास दौरे कर रही है और दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त प्रशिक्षण को लेकर बातचीत चल रही है। यह सब 54 साल में पहली बार हो रहा है। इस नजदीकी पर एक पाकिस्तानी नेता ने दावा किया है कि शायद भविष्य में बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बन जाएगा।

बड़ी संख्या में युवा हैं

पाकिस्तान मुस्लिम लीग यूथ विंग के प्रमुख कामरान सईद उस्मानी ने यूट्यूब चैनल रियल एंटरटेनमेंट पर पाकिस्तानी यूट्यूबर सोहेब चौधरी से बांग्लादेश और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी हमसे अलग नहीं हैं। बांग्लादेश पहले पूर्वी पाकिस्तान था और शायद भविष्य में फिर से पूर्वी पाकिस्तान बन जाए। उन्होंने कहा कि वहां के लोग पाकिस्तानियों की बात सुनते हैं, उनसे प्यार करते हैं और उन्हें मानते हैं। पाकिस्तान के अंदर बड़ी संख्या में युवा हैं जो बांग्लादेश से बेहद प्यार करते हैं, इसलिए यह एक आपसी भावना और मेलजोल है जो अब विकसित हो रहा है। यूट्यूबर ने उनसे पूछा कि ऐसा क्या हो गया है कि पाकिस्तान में अचानक बांग्लादेश के लिए प्यार पैदा हो गया है। इतने सालों तक दोनों देश एक-दूसरे को नजरअंदाज करते रहे।

दादा के पास बैठे

कामरान सईद उस्मानी ने इस पर कहा कि पिछले 50 सालों का दर्द दिलों में दफन है। आप देखिए कि इन 50 सालों में बांग्लादेशी भारत के करीब क्यों रहे और अचानक वे हमारे करीब कैसे आ रहे हैं? उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि हम उस पीढ़ी से हैं, जिसने अपने दादा-दादी और बुजुर्गों से कहानियां सुनी हैं। कामरान सईद उस्मानी ने कहा, ‘जब कोई भी बच्चा अपने दादा के पास बैठेगा, तो वह 1947 से इतिहास शुरू कर देगा कि कैसे पाकिस्तान अलग हुआ, उनके प्रियजन अलग हो गए।

फिर हममें से कुछ लोग यहां आकर बस गए। इस तरह एक निजाम चला। फिर 1965 की जंग लड़ी गई।’ उन्होंने कहा कि उसके बाद जैसे ही आपके दादा या उनके पिता आपको पाकिस्तान का इतिहास बताते हैं और साल 1971 का जिक्र होता है, तो वे दुखी हो जाते हैं। वे बहुत चिंतित हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसका कारण यह है कि उदाहरण के लिए, आपके दादा का कोई दोस्त या रिश्तेदार होगा जो बांग्लादेश में रहता था लेकिन आ नहीं सका। या कोई सर्विस में है।

बहुत पुराना कनेक्शन

कोई डॉक्टर है, कोई मिलिट्री में था, कोई पुलिस में था, कोई किसी सरकारी विभाग में था। अगर वो वहीं रहे तो बहुत पुराना कनेक्शन है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने भी अपना लगभग पूरा बचपन अपनी मां के दादा से कहानियां सुनने और पाकिस्तान के नजरिए को समझने में बिताया है। कामरान सईद उस्मानी से पूछा गया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलग होने में किसकी गलती थी। कामरान सईद उस्मानी ने कहा कि न तो मेरी गलती थी, न ही मेरी पीढ़ी की गलती थी। न ही उस बंगाली बच्चे की गलती है जो छात्र है। यह उस युवा की गलती नहीं थी जो अब जवान हो रहा है। उन्होंने कहा कि आपको एक हाथ के अनुभव की उनकी कहानी सुननी चाहिए।

अगरतला का मामला हुआ, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान लंदन गए और रॉ एजेंटों से मिले। यह उनकी प्लानिंग थी। चीजें शेख मुजीबुर के नियंत्रण से बाहर हो गईं। जब आप सत्ता को और बांटते हैं, तो चीजें खतरनाक हो जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘अब मैं यह नहीं कह सकता कि 100 फीसदी किसकी गलती थी। क्या यह शेख मुजीबुर की गलती थी या जुल्फिकार अली भुट्टी की या जो भी हो, लेकिन इसमें उलझने का कोई मतलब नहीं है।

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