Haryana Family ID: परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में गलत जानकारी दर्ज कर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए नई-नई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। हालांकि, हरियाणा सरकार बीपीएल राशन कार्ड के आंकड़ों को दुरुस्त करने के लिए सख्त मूड में नजर आ रही है।

सरकार को चूना लगाने में जुटे धनाढ्य परिवार

दिसंबर 2022 में परिवार पहचान पत्र से पहली बार राशन कार्ड जारी होते ही प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या अचानक बढ़ गई और जनवरी 2023 से लाभार्थियों ने अपनी पात्रता के अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ लेना शुरू कर दिया। ऐसे में गांवों के धनाढ्य परिवार भी बीपीएल सूची में शामिल हो गए, क्योंकि परिवारों में विभाजन के जरिए एक से अधिक फैमिली आईडी बनाई गई, जिसमें माता-पिता की अलग फैमिली आईडी और बेटों की अलग फैमिली आईडी है।

बच्चे इस समय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में माता-पिता की फैमिली आईडी में ही आय जोड़ी जाती है। बच्चों की अलग-अलग फैमिली आईडी होने के कारण बीपीएल राशन कार्ड तो बन जाते हैं, लेकिन वे बच्चे एक ही मकान, छत, रसोई और मीटर से जुड़े होते हैं। विभाग ने आज तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। इस तरह आय सत्यापन में हुई गड़बड़ी के कारण सरकारी कोष को भी नुकसान पहुंचा है, जिसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।

पहले थी पारदर्शिता

दिसंबर 2022 से पहले गरीबी रेखा की कमान खाद्य आपूर्ति विभाग के हाथ में थी। उस समय गरीबी रेखा के आवंटन में किसी तरह की चूक नहीं मानी जा रही है। बीपीएल और एएवाई योजना का लाभ केवल पात्र परिवारों को ही मिलना तय था, क्योंकि उस समय विभाग द्वारा जवाबदेही के साथ राशन कार्ड आवंटन के नियम तय किए गए थे, जिसमें गांव के पंच, सरपंच और नंबरदार जैसे मुख्य व्यक्तियों को पात्रों की पहचान करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे पारदर्शिता बनी रही।

20 अप्रैल तक का समय

प्रदेश में ऐसे कई परिवार हैं जो एक ही छत के नीचे रहते हैं, लेकिन राशन कार्ड के मामले में 2 से 3 देखने को मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आम तौर पर अलग राशन कार्ड के लिए बिजली कनेक्शन, रहने के लिए मकान, खाना बनाने के लिए रसोई, गैस कनेक्शन अलग-अलग होना चाहिए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ऐसे परिवारों को अपने परिवार पहचान पत्र में सुधार करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय दिया है। साथ ही अपात्र परिवारों से भी अपनी आय में सुधार करने की अपील की है।