Leave Travel Concession. देश में सरकार के अधीन लाखों के संख्या में सरकारी कर्मचारी काम करते है, जिससे यहां पर सरकारी कर्मचारियों के परीवार के सदस्य भी आश्रित रहते है। सरकार ने ऐसे कई नियम बनाए है, जिसका फायदा कर्मचारियों के सदस्यों पर होता है। तो वही यहां पर लरकारी कर्मचारियों के लिए लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) काफी शानदार सुविधा है, जिससे काफी पैसों की बचत होती है।
लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) के नियमों को लेकर अक्सर उलझन बनी रहती है, जिससे अब सरकार ने बड़ी जानकारी दी है। अब साफ हो गया है कि LTC के कौन लाभ उठा सकता है। बता दें कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने यह खास जानकारी दी है।
जानिए LTC पर सुविधा और लाभ
सरकारी कर्मचारियों को सेवा काल में कई तरह के लाभ मिलते है, जिसमेंLeave Travel Concession भी एक है। केंद्र सरकार कर्मचारियों और उनके परिवार को मिलने वाली यात्रा सुविधा प्रदान करती है। जिससे सरकारी खर्चे पर अपने होमटाउन या देश के किसी भी स्थान की यात्रा कर सकते हैं। बता दें किर यह सुविधा चार साल के ब्लॉक में दो बार मिलती है- एक बार होमटाउन के लिए और दूसरी बार भारत में कहीं भी यात्रा के लिए।
कौन आता है LTC के अंर्तगत
दरअसल आप को बता दें कि लीव ट्रैवल कंसेशन में परिवार में वे सदस्य लाभ ले सकते हैं, जो कर्मचारी पर आर्थिक रूप से आश्रित हैं और नियमानुसार पात्रता रखते हैं। जिसमें पति या पत्नी हमेशा कवर होते ही है बल्कि दो अविवाहित बच्चे शामिल किए जाते हैं, चाहे वे सौतेले हों या गोद लिए हुए। तो वही योजना के दायरे में तलाकशुदा या विधवा बेटियां भी आती हैं।
तो वही 25 साल से अधिक उम्र के बेटे-बेटियां, जो अब तक अविवाहित हैं और पूरी तरह आश्रित हैं, LTC के लिए पात्र हैं। शादीशुदा या आत्मनिर्भर बच्चे इस योजना के पात्र नहीं होते है।
ध्यान देने वाली बात तो यह कि माता-पिता और अविवाहित भाई-बहनें तब यहां पर दायरे में होगें जब वे पूरी तरह आश्रित हों। सरकारी नियमों के अनुसार LTC के अंर्तगत सास-ससुर, दूसरी पत्नी, दादा-दादी, या बहनों के बच्चे परिवार की परिभाषा में नहीं आते है, जिससे सरकार ने लोगों के कंफ्यूजन को दूर कर दिया है।
अगर सदस्य पूरी तरह आर्थिक रूप से कर्मचारी पर निर्भर है, तो यहां पर आश्रित माना जाएगा। जिससे आश्रित की कुल आय (पेंशन समेत) ₹9,000 प्रति माह से कम होनी चाहिए, तभी इसका फायदा उठा सकता है।
