SBI Home Loan: घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आपको जानकर खुशी होगी कि अगर कोई घर खरीदने के लिए होम लोन लेता है तो उसे कम ब्याज दर के साथ ब्याज देना होगा। देश के सबसे बड़े और विश्वासनीय बैंक स्टेट बैंक इंडिया (State Bank Of India) की तरफ से अपने बेंचमार्क लेंडिंग रेट में बदलाव किया है। इससे होम लोन की ब्याज दरें कम हो गई हैं, जिससे होम लोन काफी सस्ता पड़ेगा और आपको ईएमआई (EMI) कम देनी पड़ेगी।
देश के सबसे बड़े और विश्वासनीय बैंक एसबीआई (SBI) ने होम लोन दरों को 0.50 फीसदी तक कर दिया है। अब इसका फायदा पुराने होम लोन लेने वाले और नए होम लेने वालों को काफी फायदा होगा। अब SBI में होम लोन 7.50 फीसदी की ब्याज दर के साथ मिलना शुरू होगा।
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MCLR को भी नहीं बदला गया
SBI ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate – MCLR) को नहीं बदला है। आज का और एक महीने का MCLR 8.20 फीसदी है। वहीं तीन महीने का 8.55 फीसदी और 6 महीने का 8.90 फीसदी है। एक साल MCLR 9.00 फीसदी है। 2 और 3 साल के 9.05 फीसदी और 9.10 फीसदी है।
SBI के जून 2025 में एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट
SBI ने एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट (EBR) को घटाकर 8.15 फीसदी तक कर दिया है, जो कि पहले 8.65 फीसदी हैं। EBR के जरिए बैंक की तरफ से फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज दरें सेट की जाती हैं। इसमें होम लोन और एमएसएमई लोन शामिल हैं। अब जिन ग्राहकों ने पहले की RLLR से जुड़े फ्लोटिंग रेट लोन लिया है, जिससे कि इनकी ब्याज दरें अगले रीसेट पीरियड में कम कर दी जाएंगी। इसकी वजह से EMI कम हो जाएंगी और लोन का पीरियड का कम हो जाएगा। हालांकि अगर लोन फिक्स्ड रेट से जुड़ा हुआ हो तो किसी तरह का फायदा नहीं दिया जाएगा।
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रेपो रेट कम हो जाता है तो RLLR भी कम हो जाता है
बैंक के द्वारा RLLR के आधार पर लोन की ब्याज दरों को तय किया जाता है। वैसे रेपो रेट को घटाया जाता है तो RLLR भी घट जाता है। लोन की ब्याज दरों में भी कटौती होती है। बैंक RLLR में रेपो रेट के ऊपर एक मार्जिन जोड़कर रखता है, जिससे कि उनका खर्चा और प्रॉफिट निकल सके।










