PAN card: स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड वित्तीय कार्यों के लिहाज़ से एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है. आईटीआर फाइलिंग, प्रॉपर्टी खरीदना, निवेश करना और बड़े लेन-देन समेत कई कामों के लिए इसकी ज़रूरत होती है. लेकिन देश में ज़्यादातर लोगों को अभी इस दस्तावेज़ के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए आज इस लेख में हम पैन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं.

पैन क्या है?

पैन 10 अक्षरों का एक अल्फ़ान्यूमेरिक संयोजन है, जिसे आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है. यह भारत में वित्तीय कार्यों के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में कार्य करता है.

आइए पैन नंबर को एक उदाहरण से समझते हैं –

मान लीजिए आपके पास एक पैन कार्ड है, जिसका पैन नंबर ‘ABCPE1234F’ है. यहाँ –

पहले तीन अक्षर (ABC) – AAA से ZZZ तक की वर्णमाला श्रृंखला को दर्शाते हैं.

चौथा अक्षर (P) – पैन धारक के प्रकार को दर्शाता है, जो एक व्यक्ति, कंपनी, HUF, AOP, BOI,

सरकारी एजेंसी, कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति, स्थानीय प्राधिकरण फर्म और ट्रस्ट हो सकता है।

पांचवां अक्षर (E) – धारक के उपनाम या इकाई नाम का पहला अक्षर है।

अक्षरों (1234) के बाद के अगले चार अक्षर – 0001 से 9999 तक की संख्याएँ दर्शाते हैं।

अंतिम अक्षर (F) – वर्णमाला चेक अंक को दर्शाता है।

पैन कार्ड को कैसे सत्यापित करें

आप NSDL ई-गवर्नेंस सेवा पोर्टल पर जाकर अपने पैन कार्ड को ऑनलाइन सत्यापित कर सकते हैं।

चरण 1: आय ई-फाइलिंग पोर्टल वेबसाइट पर जाएँ।

चरण 2: ‘पैन स्थिति सत्यापित करें’ पर जाएँ।

चरण 3: अपना पैन विवरण जैसे नाम, मोबाइल नंबर और DOB दर्ज करें।

चरण 4: OTP के साथ सत्यापित करें और आगे बढ़ने के लिए ‘मान्य करें’ दर्ज करें।