EPF Update: अगर आप अपनी पहली नौकरी शुरू कर रहे हैं, तो आपके लिए यह जरूरी है कि आप तुरंत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO से जुड़ी बातों का ध्यान रखें। इससे आपकी नौकरी बिना किसी झंझट और परेशानी के चलती रहेगी। EPF अकाउंट से जुड़ी कुछ बातें हैं, जिन पर आपको नौकरी ज्वाइन करते ही ध्यान देना चाहिए। आइए, यहां जानते हैं कि आपको क्या करना चाहिए।

इन बातों का करें पालन

जब भी आप नौकरी ज्वाइन करें, तो यह जरूर चेक कर लें कि कंपनी EPFO में कवर है या नहीं और आपको EPF का लाभ मिलेगा या नहीं।

अगर कंपनी पर EPF एक्ट लागू है और आपकी सैलरी 15,000 रुपये तक है, तो आपको अनिवार्य रूप से EPF, EDLI और पेंशन स्कीम का सदस्य बनाया जाएगा।

अगर आपकी सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है, तो आप नियोक्ता की सहमति से EPF के सदस्य बन सकते हैं।

अपने HR से फॉर्म 11 मांगें और उसे ध्यान से भरें। सारी डिटेल्स आधार और दूसरे दस्तावेजों से मेल खानी चाहिए। सुनिश्चित करें कि उसमें कोई स्पेलिंग मिस्टेक न हो। फॉर्म 11 के साथ आधार, पैन कार्ड और बैंक पासबुक की कॉपी अटैच करें। वही मोबाइल नंबर डालें जो आधार से लिंक है। आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी यूएएन आधार डेटा से वेरिफिकेशन के बाद ही जेनरेट होगा।

बैंक अकाउंट में नाम भी वही होना चाहिए जो आधार में है। बैंक अकाउंट की सीडिंग इसलिए की जाती है ताकि आपको अपना ईपीएफ पैसा सुरक्षित तरीके से मिल सके। आयकर अनुपालन के लिए पैन नंबर जरूरी है, इसलिए इसे भी दर्ज करें। फॉर्म 11 नियोक्ता के पास जमा होने के बाद नियोक्ता आपका यूएएन नंबर और मेंबर आईडी जेनरेट करेगा, जिसमें आपका ईपीएफ जमा होगा।

आपको अपने एचआर से अपना ईपीएफ

आपको अपने एचआर से अपना ईपीएफ मेंबर आईडी और यूएएन लेना होगा और ईपीएफओ की वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर जाकर इसे एक्टिवेट करना होगा। इससे आप अपनी पासबुक देख पाएंगे और क्लेम समेत सभी सेवाओं का ऑनलाइन लाभ उठा पाएंगे। यूएएन एक्टिवेट करें और एक्टिवेट होने के बाद मेंबर पोर्टल पर ही लॉग इन करें और अपने केवाईसी को ध्यान से चेक करें। साथ ही यह भी जांच लें कि आपकी ज्वाइनिंग की तारीख में कोई गलती तो नहीं है।अगर कोई गलती है तो ज्वाइंट डिक्लेरेशन प्रक्रिया के जरिए उसे सही करवा लें।

आप हर महीने मेंबर पोर्टल पर जाकर

आप हर महीने मेंबर पोर्टल पर जाकर अपनी पासबुक चेक कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका ईपीएफ जमा हो रहा है या नहीं। वैसे ईपीएफ जमा होने पर ईपीएफओ आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस भी भेजता है।

किसी भी समस्या के समाधान के लिए आप अपने एचआर से संपर्क कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर ईपीएफ आईजीएमएस पर अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।

यहां जानें, पहली नौकरी के बाद आप जहां भी नौकरी बदलेंगे, आपका नया नियोक्ता उसी यूएएन पर आपकी नई मेंबर आईडी जनरेट करेग और उसमें अंशदान जमा हो जाएगा।

ईपीएफओ मेंबर को एक ही यूएएन जारी किया जाता है, जबकि कंपनी बदलने पर मेंबर आईडी बदल जाती है।

हर ईपीएफओ मेंबर को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल पर भारत सरकार का उमंग ऐप डाउनलोड करना चाहिए, क्योंकि इस ऐप में आपको ईपीएफ की सभी सेवाएं मिल सकती हैं।