8th pay commission: 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं और इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा फिटमेंट फैक्टर की हो रही है। फिटमेंट फैक्टर दरअसल वह गुणक है जिससे सरकारी कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय होती है। दिसंबर 2025 में खत्म हो रहे 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 रखा गया था। अब माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है।
हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई
हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि महंगाई को देखते हुए 2.86 एक संभावित और तार्किक संख्या हो सकती है। अगर 8वें सीपीसी (केंद्रीय वेतन आयोग) में 2.86 फिटमेंट फैक्टर तय होता है तो इससे सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी। इसका फॉर्मूला बहुत सरल है
बेसिक पे X फिटमेंट फैक्टर = नई बेसिक सैलरी
उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 10,000 है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो उसकी बेसिक सैलरी सीधे 28,600 हो जाएगी।
7वें वेतन आयोग के 2.57 के मुकाबले 2.86 का मतलब है सीधी और ज्यादा बढ़ोतरी, जिसका सीधा फायदा करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को होगा।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ की घोषणा कब करती है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मार्च के अंत तक इसकी घोषणा हो सकती है और अप्रैल की शुरुआत में नए सीपीसी की घोषणा संभव है। फिलहाल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस अपडेट का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इसका असर उनकी पूरी वित्तीय योजना पर पड़ने वाला है।
