अगर आप नौकरी पेशे में है या फिर बिजनेस कर रहे हैं। जिससे आपकी कमाई टैक्सेबल नहीं है तो भी आप आईटीआर रिटर्न कर सकते हैं। जिसके आपको ऐसे बड़े फायदे होंगे। इसके बारे में आपने कभी नहीं सोचा होगा। हर कोई चाहता है कि उसके फाइनेंशियल कामकाज सुचारू रूप से चल सके जिससे कभी ना कभी लोन आवेदन, वीजा आवेदन, बिजनेस लोन के जरूरत पड़ ही जाती है। अगर आप आइटीआर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको एक फाइनेंशियल कामकाज के लिए मजबूत दस्तावेज मिल जाता है। इन जैसे कई कामों में लगा सकते हैं।

जानिए क्या है निल या जीरो आइटीआर

सबसे पहले आप को  निल या जीरो आइटीआर के बारे में बताते है। ऐसा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जिसमें आपकी इनकम यानी कि टैक्सेबल लिमिट यानि सरकार के द्वारा तय की गई लिमिट से कम है। इस पर आपकी कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है। जिससे आप अपने फाइनेंशियल कामकाज के लिए आईटीआर फाइल कर सकते हैं और उसे वेरीफाई कर सकते हैं।

अगर आप यहां परजीरो आइटीआर दाखिल कर लेते हैं, तो आयकर विभाग के ओर से एक दस्तावेज मिल जाता है, जिससे आइटीआर करते हैं। इसे आप यहां पर बताए काम में लगा सकते हैं।

लोन आवेदन में सहूलियत- देश में बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन लोन आवेदन के समय आइटीआर की मांग करते हैं। अगर आपने जीरो आईटीआर फाइल किया है। तो भी आपका यह दस्तावेज काम आएगा। जिससे आपके पर्सनल लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन जैसे किसी भी आवेदन में यह दस्तावेज लगा सकते हैं।

बनेगी क्रेडिट प्रोफाइल- आज आपकी जरुर कमाई ₹2 लाख है, जिससे आगे बढ़कर ₹10 लाख सालाना कमाने लगते है, तो  पहले जीरो ITR फाइल करने की पुरानी आदत यह दिखाएगी कि आप हमेशा नियमों के अनुसार चलने वाले टैक्सपेयर्स में से हैं। जिससे क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत बनेगी।

मिलेगा सरकारी स्कीम्स या सब्सिडी में लाभ- आप इस समय जरुर जीरो आईटीआर दाखिल कर रहे होगें, इसका सरकारी स्कीम्स या सब्सिडी में लाभ मिल सकता है, सरकार छात्रवृत्ति, MSME लोन, जैसी कई स्कीम के आवेदन के दौरान ITR की कॉपी मांगी जाती है। जीरो ITR वहां भी काम आता है, क्योंकि आमदनी कम है और आप स्कीम की पात्रता में शामिल हो सकते हैं।
 TDS Refund क्लेम में आसानी- सरकार कई बार में विभिन्न कमाई के तरीकों में TDS (Tax Deducted at Source) काट लेती है। हालांकि यहां पर लोगों किसालाना आमदनी टैक्स स्लैब से कम हो। अगर आप ने ITR फाइल  किया तो रिफंड क्लेम कर पाएंगे।

वीजा एप्लिकेशन- किसी भी देश में जाने से पहले वीजा लगाता है, जिससे वीजा अफसर आवेदक के बारे में जानना चाहते है कि फाइनेंशियल एक्टिविटी कैसी है, जिससे कई देशों के वीजा प्रोसेस में पिछले 2–3 साल के ITR मांगे जाते हैं।