लद्दाख में हुई बर्फबारी, इस की बढ़ी मुश्किलें, मौसम ने बरपाया कहर, सतर्क रहने की सलाह

नई दिल्ली: इन दिनों पूरे उत्तर भारत में मौसम का कहर देखने को मिल रहा है। पिछले दस दिनों से लद्दाख के दूरदराज इलाकों में मौसम ने कहर बरपाया हुआ है। ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी (Snowfall) ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस साल लद्दाख में असामान्य रूप से भारी बर्फबारी हुई है। खानाबदोश जो अपने याक को निचले पहाड़ी इलाकों में चराने ले जाते थे, अब वापस लौटने को मजबूर हैं। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है। इसमें याक चरवाहों की मुश्किल जिंदगी को दिखाया गया है। बर्फबारी के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। वीडियो में जांस्कर के अक्षो इलाके में 3-4 फीट बर्फबारी के बाद याक को पहाड़ों से नीचे उतारा जा रहा है।

लने को मजबूर हैं

चरवाहे अपने झुंड के साथ बर्फ में चलने को मजबूर हैं। मोटी बर्फ की चादर के कारण सड़कें और रास्ते गायब हो गए हैं। चरम मौसम ने याक के लिए पहाड़ों में जीवित रहना मुश्किल कर दिया है। चरवाहे भोजन और सुरक्षा के लिए याक को निचले इलाकों में ला रहे हैं। लद्दाख के याक चरवाहे विभिन्न गांवों से जानवरों को इकट्ठा करते हैं। वे उन्हें चरागाहों में ले जाते हैं। वहां वे अपने परिवारों के साथ रहते हैं। वे याक के दूध से मक्खन बनाते हैं। मक्खन की बिक्री से आय होती है। यह आय याक मालिकों के साथ साझा की जाती है।

भारी बर्फबारी हुई

2013 में पूर्वी लद्दाख में भारी बर्फबारी हुई थी। चारे की कमी के कारण 22,000 से अधिक पश्मीना बकरियां, याक और अन्य पशुधन मारे गए थे। मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक लद्दाख क्षेत्र में मौसम ठंडा और शुष्क रहने की संभावना है। दिन का तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से 2 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। रात का तापमान -15 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। भारी बर्फबारी की संभावना है, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में। नागरिकों और चरवाहों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। मौसम के ताज़ा अपडेट के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में रहें।

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