राजनाथ सिंह ने PoK के मुद्दे को लेकर बोल गए कुछ ऐसा, पाकिस्तान को लग सकता है मिर्ची!

नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) ने शनिवार (08 मार्च, 2025) को बांग्लादेश, सेना में महिलाओं की भागीदारी, पीओके समेत कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है। वहीं समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करता है, अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम अपने दोस्त को तो बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी को नहीं बदल सकते।” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हमारा महत्वपूर्ण पड़ोसी है, इसलिए हमें उसके साथ मजबूत संबंध बनाए रखने चाहिए।”

सोच-समझकर लिया गया

आपको बता दें कि यह बयान ऐसे समय में आया है कि जब भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों को अच्छा बनाने की कोशिश करने में लगा हुआ है। वहीं राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का फैसला सोच-समझकर लिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा की पीएम मोदी की यह प्रबल इच्छा थी कि महिलाओं को भारतीय सेना में अधिक अवसर मिलें। अगर प्राचीन भारत की महिलाओं ने युद्धों में बहादुरी दिखाई, तो आज की महिलाएं क्यों नहीं?” आज महिलाएं खेल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं, इसलिए उन्हें सेना में भी बराबर की भागीदारी मिलनी चाहिए। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर कड़ा और बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान पीओके हमें लौटाएगा।

विलय की मांग करेंगे

मेरा मानना है कि पीओके के लोग खुद ही भारत में विलय की मांग करेंगे। भारत की तेजी से आर्थिक प्रगति और बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को देखते हुए पीओके के लोग महसूस कर रहे हैं कि उनका असली विकास भारत का हिस्सा बनने में है। वहीं पाकिस्तान को यह मानना होगा।” वक्फ बोर्ड पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जहां तक हमारी सरकार का सवाल है, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि हम जाति, धर्म या आस्था के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं।

जैसा कि आपने खुद बताया है, वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियां हैं जिनका उपयोग मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, जिन उद्देश्यों के लिए वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी, वे भी पूरे नहीं हो रहे हैं। इसलिए, हमारी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारतीय संसद में संशोधन विधेयक पेश किया है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो जाएगा और इसे पारित किया जाना चाहिए।

बहुत देरी हो चुकी है

राजनाथ सिंह ने परिसीमन के बारे में कहा, “परिसीमन की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर एमके स्टालिन को कोई आपत्ति है, तो वह इसे उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। संबंधित अधिकारी इस मामले पर चर्चा करेंगे और न्याय व्यवस्था अंतिम निर्णय लेगी। देश के लोगों को यह भरोसा होना चाहिए कि हर राज्य में, चाहे वह विधानसभा के लिए हो या लोकसभा के लिए, सीटों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी। मेरा दृढ़ विश्वास है कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी सीटें बढ़ेंगी।

इसलिए यह दावा करना उचित नहीं है कि केवल उत्तर भारत में सीटें बढ़ेंगी और दक्षिण भारत में नहीं। उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन पर कहा, “यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। इस मामले में बहुत देरी हो चुकी है। इसके लिए पीएम मोदी प्रशंसा के पात्र हैं कि उन्होंने फैसला किया कि यह विधेयक लाया जाना चाहिए। वन नेशन वन इलेक्शन की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। इससे लाखों-करोड़ों रुपये की बड़ी बचत होगी।

आस्था रखनी चाहिए

रक्षा मंत्री ने वन नेशन वन इलेक्शन पर कहा, “यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। इस मामले में बहुत देरी हो चुकी है। इसके लिए पीएम मोदी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने तय किया कि यह बिल लाया जाना चाहिए। एक राष्ट्र एक चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। इससे लाखों-करोड़ों रुपए की बड़ी राशि बचेगी। महाकुंभ में शामिल न होने वाले विपक्षी नेताओं पर राजनाथ सिंह ने कहा- भगवान उन्हें भी सद्बुद्धि दे। मेरा मानना है कि भारत की प्राचीन परंपराओं और संस्कृति में सभी को आस्था रखनी चाहिए।

दिल्ली सरकार की ‘महिला समृद्धि योजना’ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, चुनावी वादों को पूरा करने के लिए मैं दिल्ली सरकार को धन्यवाद देता हूं। राजनीतिक दलों को अपनी घोषणाओं पर कायम रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि विश्वसनीयता की कमी से जनता का भरोसा टूटता है। भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो अपने वादों को पूरा करती है। आपको बता दें कि राजनाथ सिंह ने अपने बयान के जरिए भारत की रक्षा, कूटनीति, राजनीति और प्रशासन से जुड़े कई अहम पहलुओं को स्पष्ट किया है। अब देखना यह है कि सरकार इन मुद्दों पर क्या ठोस कदम उठाती है।

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