Smart Meter: अगर आपके घर पर लगा है स्मार्ट मीटर! तो देने होंगे 25 हजार रुपए, जानें क्यों

Smart Meter: मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर की लागत को लेकर जो जानकारी सामने आई है, वह उपभोक्ताओं के लिए चिंताजनक हो सकती है। एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने इस मुद्दे पर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका दावा है कि स्मार्ट मीटर की कीमतों को लेकर बिजली कंपनी ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं, उनसे यह स्पष्ट होता है कि उपभोक्ताओं को अगले 10 सालों तक स्मार्ट मीटर की कीमत किश्तों के रूप में चुकानी पड़ सकती है, और यह राशि करीब 25,000 रुपये तक हो सकती है।

स्मार्ट मीटर की कीमत बिजली टैरिफ

स्मार्ट मीटर की कीमत बिजली टैरिफ के जरिए अदा करनी होगी, यानी उपभोक्ताओं को हर साल टैरिफ में वृद्धि के रूप में इस राशि का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, मीटर के रखरखाव के लिए भी राशि चुकानी होगी। वर्तमान में प्रदेश में केवल पांच प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगे हैं, और पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 175 करोड़ रुपये की मांग की है, जिससे मीटर की कीमत बढ़ सकती है।

अगर मप्र विद्युत नियामक आयोग

अगर मप्र विद्युत नियामक आयोग इस मांग को मंजूर करता है, तो टैरिफ में दस पैसे प्रति यूनिट का इजाफा हो सकता है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ सकता है

इसके अलावा, प्रदेश में बिजली की डिअगर मप्र विद्युत नियामक आयोगमांड में भी बढ़ोतरी देखी गई है, जो जनवरी के मुकाबले मार्च में अधिक हो गई है। अब तक की डिमांड 18,335 मेगावाट तक पहुंच चुकी है, और भविष्य में मौसम के बदलाव के साथ इसमें और कमी आने की संभावना है।

मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर की कीमतों

मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर की कीमतों को लेकर जो स्थिति बन रही है, वह राज्य के उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है। स्मार्ट मीटर की लागत का भार उपभोक्ताओं पर डालने का मुद्दा अब और चर्चा में आ गया है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो आगामी 10 वर्षों में उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ सकता है।

स्मार्ट मीटर की कीमत का भुगतान बिजली टैरिफ के जरिए करने की व्यवस्था से उपभोक्ताओं पर ज्यादा वित्तीय दबाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि टैरिफ में बढ़ोतरी से हर उपभोक्ता को प्रभावित होना पड़ेगा। इसके अलावा, मीटर की देखभाल और रखरखाव की अतिरिक्त लागत भी उपभोक्ताओं से ली जाएगी, जो कि पहले से ही बढ़ते हुए बिजली बिलों के साथ जोड़ दी जाएगी।

इसी बीच, प्रदेश में बिजली की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आगामी महीनों में बिजली की मांग में और वृद्धि हो सकती है। यह बदलाव मौसम और कृषि सत्र के समाप्त होने के बाद होने वाले संभावित बदलाव को दर्शाता है, जब बिजली की खपत में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।