Noida Metro: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो विस्तार परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। 5245.95 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली यह परियोजना यात्रा समय कम करेगी, ट्रैफिक जाम को कम करेगी और रियल एस्टेट व औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी।उत्तर प्रदेश सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना का निर्माण कब से शुरू होने वाला है, और इसे पूरा होने में कितना समय लगेगा।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो विस्तार परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। 5245.95 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली यह परियोजना यात्रा समय कम करेगी, ट्रैफिक जाम को कम करेगी और रियल एस्टेट व औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी।उत्तर प्रदेश सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना का निर्माण कब से शुरू होने वाला है, और इसे पूरा होने में कितना समय लगेगा।
ये दोनों नए मेट्रो कॉरिडोर नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएंगे। सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन और सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-V के बीच नई मेट्रो लाइनें यात्रियों को निर्बाध सार्वजनिक परिवहन सुविधा देंगी और ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद करेंगी।इन 19 नए मेट्रो स्टेशनों के बनने से आईटी कंपनियों, व्यापारिक हब और रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा मिलेगा। क्या इस परियोजना के लिए कोई अनुमानित समयसीमा तय की गई है।
सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक बनने वाला यह नया मेट्रो कॉरिडोर नोएडा के सार्वजनिक परिवहन को और मजबूत करेगा। 2254.35 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना से यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा।
इस मेट्रो लाइन से आईटी हब, व्यावसायिक क्षेत्र और रिहायशी इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यातायात दबाव कम होगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।क्या इस परियोजना के पूरा होने की कोई अनुमानित तिथि तय की गई है।
सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन मेट्रो कॉरिडोर नोएडा की कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देगा। 11.56 किलोमीटर लंबे इस मार्ग में 8 नए स्टेशन बनने से यात्रियों को निर्बाध और तेज़ यात्रा सुविधा मिलेगी।
इस मेट्रो लाइन के मुख्य लाभ:
बेहतर कनेक्टिविटी: नोएडा-ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के बीच यात्रा सुगम होगी।
प्रमुख इंटरचेंज स्टेशन: बॉटनिकल गार्डन अब 3 स्टेशनों वाला प्रमुख हब बनेगा, जिससे दिल्ली मेट्रो और अन्य मेट्रो रूट्स से जुड़ना आसान होगा।
यात्री संख्या: शुरुआती चरण में 80,000 यात्री प्रति दिन इस सेवा का लाभ उठाएंगे।
ट्रैफिक में कमी: सड़कों पर भीड़ कम होगी, जिससे यात्रा का समय बचेगा।