Astro Tips: चूड़ियाँ पहनते समय कर लें ये काम, पति कि बढ़ेगी उम्र साथ ही जीवन में होगी बरकत!

Astro Tips: सनातन धर्म में चूड़ा एवं चूड़ियों का एक तरह से खास महत्व दे रखा गया है। कहा जाता है कि चूड़ियाँ न केवल सनातन धर्म में श्रृंगार का काम करती हैँ बल्कि सुहागिनों महिलाओं का प्रतीक हैँ। वहीं, सनातन धर्म में चूड़ा एवं चूड़ियों से जुड़ी कई सारी ऐसी मान्यता है जो बीते काफी सदियों से प्रचलित चली आ रही है। जिनमें से एक ये है कि पति आयु लम्बी होती है और भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

ये होता है चूड़ियों के रंग का खास रूप से महत्व

यदि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानें तो चूड़ियों के रंग का भी खास रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं, प्रत्येक राशि के जातकों के लिए एक विशेष रूप से खास रंग कि चूड़ियों का धारण करना शुभ माना जाता है। जैसे कि मेष राशि के जातक लाल या सफ़ेद रंग कि चूड़ियाँ पहनते हैँ तो ये काफी ज्यादा शुभ मनी जाती हैँ।

वहीं, तुला और वृषभ राशि के जातकों कि महिलाओं को हल्के भूरे रंग कि चूड़ियों को धारण करना चाहिए। बाकी सभी जातक गोल्डन कलर कि चूड़ियाँ पहन सकते हैँ। ऐसा कहा जाता है कि चूड़ियों के सही रंग को धारण करने से पति कि सेहत दिन प्रतिदिन बेहतरीन होती जाती है। साथ ही सेहत भी दुरुस्त रहती है।

किस दिन चूड़ियों को करना चाहिए धारण

सनातन धर्म में कुछ खास दिन ऐसे बताए गए हैँ जिनमें चूड़ियों का धारण करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। दरअसल, शुक्रवार और रविवार ये ऐसे दिन हैँ जिनमे चूड़ियाँ धारण करते हैँ तो माँ लक्ष्मी जी कि कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सोमवार और मंगलवार के दिन चूड़ी पहनने से बचना चाहिए।

चूड़ी से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण नियम:

नई नवेली दुल्हन को कम से कम 50 दिनों से पहले चूड़ियों को नहीं उतारना चाहिए।

नई नवेली दुल्हन को चूड़ियाँ इसलिए पहन के रखनी चाहिए क्युंकि इन्हें चन्द्रमा और बुध का प्रतीक माना जाता है। इसलिए ये जीवन कि सुंदरता को बढ़ा देता है।

साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि सुहागिन महिलाओं को 21 से लेकर 51 दिनों तक जरूर चूड़ियों को धारण करके रखना चाहिए क्युंकि ये शुभ माना जाता है।