लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ के मौलवी और कट्टरपंथियों वाले बयान पर पलटवार किया है। सपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री की भाषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो अपनी जुबान पर काबू नहीं रख सकते, उन्हें खुद स्कूल जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी ऐसी कक्षाएं होनी चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि असंसदीय भाषा का प्रयोग न हो।
पढ़ने के लिए बाहर न भेजें
सपा अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सीएम योगी के बयान पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘दूसरों पर भाषा को लेकर हमला कर समाज में विभाजन पैदा करने वालों में अगर क्षमता है तो वे यूपी में ऐसे विश्वस्तरीय स्कूल विकसित करें कि लोग अपने बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर न भेजें, लेकिन इसके लिए वैश्विक परिप्रेक्ष्य विकसित करना होगा। जिस व्यक्ति ने आज तक केवल एक या दो देशों का दौरा किया हो, उसका दृष्टिकोण इतना व्यापक कैसे हो सकता है कि वह इतना महान कार्य कर सके?
योगी बनना भी अच्छी बात है
जो लोग अपनी जुबान पर काबू नहीं रख सकते, उन्हें खुद ही स्कूल जाना चाहिए। यूपी विधानसभा में असंसदीय शब्दों का प्रयोग न करने की क्लास होनी चाहिए। उस विशेष क्लास के लिए एक छात्र पहले ही मिल चुका है, लेकिन यह क्लास अपने आप ही अन्य भाजपाइयों से भर जाएगी। एक अन्य बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि मौलाना बनना अच्छी बात है और योगी बनना भी अच्छी बात है लेकिन बुरा योगी बनना अच्छी बात नहीं है।
सपा पर निशाना साधा
जहां तक शिक्षा का सवाल है तो सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में लैपटॉप बांटे थे, मैं शर्त लगा सकता हूं कि सीएम योगी जिस वार्ड में रहते हैं, वहां भी सपा के दिए लैपटॉप मिलेंगे। हम शिक्षा बंद नहीं करने जा रहे हैं, लैपटॉप देने जा रहे हैं। दरअसल, सीएम योगी ने सदन में उर्दू और अंग्रेजी के मुद्दे पर सपा पर निशाना साधा और इसे उनका दोहरा चरित्र बताया और कहा कि ये लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाते हैं और दूसरों से अपने बच्चों को उर्दू पढ़ाने को कहते हैं और उन्हें मौलवी या कट्टरपंथी बनने के लिए मजबूर करते हैं।
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