Small Saving Schemes Interest Rate: सरकार की तरफ से हर महीने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है। जैसे कि अभी 30 जून को पीपीएफ (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और अन्य स्मॉल सेविंग्स स्कीमों की ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी। इन नई आज दरों को सितंबर तिमाही में लागू की जाएंगी। वैसे अभी तक इन स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन आगे जाकर ब्याज दरों में बदलाव की संभावना है।
RBI की तरफ से घटाया गया रेपो रेट
देश की राष्ट्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में साल 2025 शुरू होने लेकर अब तक तीन बार कटौती की है। RBI तीन बार में क्रमशः फरवरी में 0.25 फीसदी, अप्रैल में 0.25 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी रेपो रेट घटाया। इस तरह RBI ने कुल 1 फीसदी की रेपो रेट में कटौती की। इसकी वजह बैंकों की एफडी (FD) ब्याज दरें भी प्रभवित हुईं।
वहीं दूसरी तरफ रेपो रेट में कटौती होने गवर्नमेंट सिक्योरिटी (G-sec) की यील्ड भी कम हुई। देखा जाए तो 1 जनवरी 2025 को 10 साल की जी-सिक की यील्ड 6.779 फीसदी थी। अब यानी 24 जून को कम होकर 6.247 फीसदी हो गई। अब यील्ड कम हुई है तो संभावना है कि स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें भी कम हों।
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दर को कैसे किया जाता है निर्धारित
स्मॉल सेविंग स्कीमों की ब्याज दरों को सेकेंडरी मार्केट में सरकारी बॉन्ड्स की यील्ड के आधार पर तय किया जाता है। इसमें 0.25 फीसदी से अलग से मार्जिन जोड़ा जाता है। जैसे कि PPF की 10 साल की गवर्नमेंट बॉन्ड की एवरेज यील्ड (मार्च-जून) 6.325फीसदी के हिसाब से 6.575 फीसदी तक हो सकती है। हालांकि अभी यह 7.10 फीसदी है। यानी इसमें 0.5 फीसदी की कटौती की जाने की संभावना है।
इधर एक्सपर्ट का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती होने की उम्मीद है। हालांकि सरकार उतनी कटौती नहीं करेगी, क्योंकि इन स्कीम्स का फायदा सीनियर सिटीजन और मध्यम वर्ग के लोगों को मिलता है।
निवेश के लिए सलाह
जानकारों का कहना है कि अगर निवेशक PPF, NSC, SCSS, TD या किसान विकास पत्र जैसी योजनाओं में निवेश करने के बारे में सोच रहा है तो उसे 30 जून 2025 से पहले निवेश कर लेना चाहिए, क्योंकि अभी मौजूदा दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा। अगर ब्याज दर बदल भी जाती है तो आपके ऊपर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इन स्कीम्स में ब्याज दर एक बार फिक्स कर दी जाती तो उसके बाद मैच्योरिटी तक उसी के हिसाब से ब्याज मिलता है। हालांकि अगर PPF और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) योजनाओं में निवेश करते हैं तो असर पड़ेगा। इन स्कीम्स में ब्याज दर हर तिमाही में बदली जाती हैं।










