लखनऊ: बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Wakf Amendment Bill) पेश किया गया। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश किया। विधेयक पेश होने के बाद इस पर चर्चा हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वक्फ विधेयक के बहाने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। सपा प्रमुख ने महाकुंभ से लेकर हाल ही में संपन्न ईद तक विभिन्न जिलों में लगाई गई पाबंदियों का जिक्र करते हुए संसद में योगी सरकार को घेरा।

मुसलमानों में फूट डालना चाहते

अखिलेश ने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि 1000 हिंदू खो गए, वे कहां हैं? बिना तैयारी के भाजपा वालों ने 100 करोड़ लोगों को बुला लिया। महाकुंभ में कितने लोग मरे, सबको पता है! कन्नौज सांसद ने कहा कि ये लोग मुसलमानों में फूट डालना चाहते हैं। पीडीए इस बंटवारे को देखेगा। मिल्कीपुर उपचुनाव का जिक्र किए बिना अखिलेश ने फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव देखा है…उन्होंने उन्हें वोट भी नहीं डालने दिया। उन्होंने कहा कि ईद पर सभी धर्मों के नेता जाते हैं लेकिन इस बार रोक थी। वक्फ बिल के विरोध का ऐलान करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध करती है।

25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे

वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भाजपा के अंदरूनी मामलों पर कटाक्ष करने का मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि भाजपा के अंदर प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन बुरा हिंदू है। इसके बाद सपा प्रमुख ने कहा कि खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली पार्टी अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है। इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मेरे सामने जितनी भी पार्टियां हैं, उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी न किसी परिवार के सदस्य ही चुनेंगे। हमें 12-13 करोड़ सदस्यों में से एक प्रक्रिया के बाद चुनना पड़ता है। इसलिए समय लगता है। आपके मामले में ज्यादा समय नहीं लगेगा। मैं कह रहा हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे।

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