नई दिल्ली – शकरकंद काफी स्वादिष्ट और गुणकारी सब्जी में से एक है, इसमें कई विशेष प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं शकरकंद हमारे सेहत और शरीर दोनों के लिए बहुत खास माना गया है। शरीर में इसे खाने के बाद इंस्टेंट एनर्जी आ जाती है और इसका स्वाद भी बहुत अच्छा लगता है। ज्यादातर घरों में शकरकंद की सब्जी, टिक्की, चाट और हलवा एवं खीर बनाया जाता है और इसके स्वाद के कारण ही बहुत से लोग इससे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। ऐसे में आज हम आपको शकरकंद के सफरनामा के बारे में बताएंगे। विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों को भूख शांत करने में शकरकंद से खूब मदद मिलती थी। भारत में शकरकंद को छीलकर अरबी या आलू के जैसे सब्जी बनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग इसे उबालकर चाट मसाला के साथ खाना पसंद करते हैं।
विदेशों में इसे सामान्य तरह से खाया जाता है साथ ही स्वादिष्ट पाई, मार्शमैलो, स्मूदी आदि बनाकर इसका सेवन किया जाता है। साथ ही इसके इस्तेमाल स्ट्राच और अल्कोहल बनाने के लिए भी शकरकंद का इस्तेमाल किया जाता है।
सबसे पहले कहां उगाई गई थी शकरकंदी
शकरकंदी का मूल नाम ही कंद है इसलिए इसे मानव जाति के पुराने आहार में से एक माना गया है। वनस्पति विज्ञानियों का कहना है कि शकरकंद की उत्पत्ति अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हजारों साल पहले हुआ था और वहां से ही यह पूरे विश्व में फैला। भारतीय वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी का कहना है कि शकरकंदी का उत्पत्ति मैक्सिको, अमेरिकन सेंटर को माना गया है। एक्सपर्ट के मुताबिक 1000 ईसा पूर्व शकरकंद के ऐतिहासिक अवशेष मिले थे और कुछ विज्ञानी और इतिहासकारों का भी यह मानना है विश्वकोश ब्रिटानिका का भी यही कहना है कि शकरकंद अमेरिका में ही उत्पन्न हुआ है। यह दक्षिण यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका, उष्णकटिबंधीय अमेरिका और कैरीबियन के अलावा प्रशांत महासागर के गर्म दीप, जापान, रूस के कुछ हिस्सों के एक महत्वपूर्ण फसल में से एक है। यहीं से शकरकंदी का विस्तार चीन, जापान, मलेशिया और भारत में फैला।