भारत के दिग्गज खिलाड़ी के बेटे का नाम टीम में देख भड़के फैंस, कहा क्रिकेट में कब तक होगा नेपोटिज्म

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नई दिल्ली: Nepotism शब्द सुनते ही सबसे पहले बॉलीवुड की याद आती है, पर ऐसा नहीं है कि Nepotism सिर्फ बॉलीवुड में होता है बल्कि क्रिकेट के मैदान में भी नेपोटिस्म देखने को मिलता है। लोग वीरेंद्र सहवाग को क्रिकेट के Nepotism का कर्ताधर्ता बता रहे हैं, हम बताते हैं उसकी वजह क्या है जिसे जानकर आप भी चाहो जाएंगे और आप भी सोचेंगे कि क्या वीरेंदर सहवाग ऐसा भी कुछ कर सकते हैं।

जानिए क्या होता है Nepotism और क्यों आया सहवाग का नाम

सबसे पहले हम यह जानते हैं कि Nepotism का मतलब क्या होता है, Nepotism का मतलब होता है, जब कोई व्यक्ति अपनी पावर का या अपने पद का इस्तेमाल कर अपने ही परिवार के व्यक्ति को नौकरी पर या किसी भी कार्य करने का मौका देता है, उसे nepotism कहते हैं। अब हम आपको बताते हैं कि नेपोटिज्म को वीरेंद्र सहवाग के साथ में क्यों जोड़ा जा रहा है वीरेंद्र सहवाग भारत के दिग्गज ओपनर बल्लेबाज रहे है, भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में वीरेंद्र सहवाग के लाखों फैंस है पर जैसे ही 6 दिसंबर को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बिहार के खिलाफ आगामी मैच के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की उसके बाद से ट्रेलर ने वीरेंद्र सहवाग को सोशल मीडिया में नेपोटिज्म के नाम पर आलोचना करने लगे, आपको उसकी वजह बताएं उससे पहले आप चयनित टीम की लिस्ट देखिए।

 

इस लिस्ट को देखने के बाद में आपको लग रहा होगा, इस लिस्ट में ऐसा भी क्या है जो वीरेंद्र सहवाग को टारगेट किया जा रहा है, दरअसल इस लिस्ट में शामिल नामों में से एक नाम वीरेंद्र सहवाग के बड़े बेटे आर्यवीर सहवाग का नाम है, जिसे देखने के बाद कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि दिल्ली की अंडर 16 टीम में आर्यवीर की एंट्री वीरेंद्र सहवाग की वजह से हुई है, और वह नेपोटिज्म की ही देन है। लोग सोशल मीडिया पर अलग-अलग बातें कर रहे हैं और वीरेंद्र सहवाग की काफी आलोचना कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि इससे अच्छे टैलेंट को मौका नहीं मिल पाता है और नामी-गिरामी खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य क्रिकेट की टीम में शामिल हो जाते हैं, जबकि जो लोग लगातार मेहनत करते हैं उन्हें टीम से बाहर रखा जाता है।

सचिन के बेटे अर्जुन भी हो चुके है ट्रोल

वीरेंद्र सहवाग के बेटे से पहले सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर को लेकर के भी इस तरह की बातें हो चुकी है। जब अर्जुन तेंदुलकर को मुंबई इंडियंस ने अपनी टीम में शामिल किया था तब कई लोगों ने सचिन तेंदुलकर और मुंबई इंडियंस की आलोचना की थी। हालाकि अर्जुन तेंदुलकर ने घरेलू क्रिकेट में बार-बार साबित किया है कि, उनमें काफी काबिलियत है और वह भविष्य में भारत के लिए बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

किसी भी खिलाड़ी को nepotism की देन बताना सही नही

बार-बार किसी खिलाड़ी को टारगेट करना और उसे nepotism की देन बताना सही नहीं है। अगर क्रिकेटर का बेटा मेहनत करके वह मुकाम हासिल करता है और टीम में जगह बनाता है तो उस क्रिकेटर की मेहनत की तारीफ होना चाहिए ना कि उसको ट्रोल किया जाना चाहिए।

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