Dhoni: महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट का वह नाम जिसे दुनिया बेस्ट फिनिशर के नाम से जानती है। धोनी Dhoni की ही कप्तानी में भारत ने टी-20 विश्व कप, वनडे विश्व कप, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की है। टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान है माही। इस बात में कोई शक नहीं। सभी जानते हैं अगर महेंद्र सिंह धोनी अपने आखिरी इंटरनेशनल मैच का खुलासा पहले कर देते तो उस मैच को देखने के लिए दर्शकों की भारी तादाद स्टेडियम में पहुंच जाती और साथी खिलाड़ी भी उन्हें कंधे पर बिठाकर ग्राउंड के चक्कर लगवाते, ठीक वैसे ही जैसे सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar के साथ हुआ था पर महेंद्र सिंह धोनी MS Dhoni ठहरे शांत व्यवहार के। आखिर तक धोनी के दिमाग को कोई भी नहीं पढ़ सका और धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल को ही अपना आखिरी मैच बना डाला। जिसके कई दिनों के बाद धोनी ने संन्यास का ऐलान किया। अब पूर्व फील्डिंग कोच श्रीधर ने धोनी Dhoni और ऋषभ Rishabh Pant के बीच हुई बातचीत को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अपनी किताब में श्रीधर ने बताया है कि कैसे न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में धोनी ने ऋषभ पंत से दिल की बात कही थी।
धोनी ने दिया था सन्यास का संकेत
श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा है कि, “मैं जानता हूं धोनी के आखिरी मैच के बारे में किसी को नहीं पता था। कोई नहीं जानता था कि न्यूजीलैंड के खिलाफ हो रहा सेमीफाइनल धोनी MS Dhoni के करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच होने वाला है पर मुझे इसके बारे में पहले से भनक थी। आप सोचेंगे कैसे मैं आपको बताता हूं। दरअसल जब सेमीफाइनल मैच के रिजर्व दिन का वक्त था उस समय धोनी और ऋषभ पंत अपना सामान लिए हुए आए और मेरी टेबल के पास बैठ गए। उस समय न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को कुछ ओवर खेलन थे उसके बाद भारतीय टीम को बैटिंग करना था तब ऋषभ पंत Rishsbh Pant ने एमएस धोनी MS Dhoni से कहा कि भैया कुछ लड़के आज ही अकेले लंदन निकलने का प्लान बना रहे हैं। क्या आप भी चलेंगे, इस पर महेंद्र सिंह धोनी ने जवाब देते हुए कहा था कि नहीं ऋषभ में भारतीय टीम के साथ अपनी आखरी बस ट्रिप मिस नहीं करना चाहता।”
धोनी ने लगा दी थी जान
आपको बता दें भारत विरुद्ध न्यूजीलैंड विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को शिकस्त दे दी थी। रिजर्व डे तक पहुंचे इस मुकाबले में धोनी Dhoni भारतीय टीम को जीत के काफी नजदीक ले गए थे लेकिन दूसरा रन चुराते समय वे रन आउट हो गए। एम एस धोनी ने उस मैच में रविंद्र जडेजा के साथ आठवें विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी निभाई थी। भारतीय टीम को 240 रनों का लक्ष्य था लेकिन 90 रनों पर ही टीम इंडिया ने अपने छह विकेट खो दिए थे। उस दिन भारत का कोई भी ऊपरी क्रम का बल्लेबाज ज्यादा रन नहीं बना सका था। सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी और रवींद्र जडेजा ने भारतीय टीम को जिताने की पूरी कोशिश की थी। हालांकि यह हो न सका, इसके कई दिनों के बाद एम एस धोनी ने अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी और वहीं मैच उनके इंटरनेशनल करियर का अंतिम मैच हुआ।